चीन ने चैंग'ई-6 मिशन के नाम से मून मिशन किया लॉन्च  

भारत के चंद्रयान-3 मिशन के बाद अब चीन ने भी अपना मून मिशन लॉन्च कर दिया है। इस मिशन का नाम चैंग'ई-6 मिशन है और इसमें पाकिस्तान का आईक्यूब-Q सैटेलाइट लगा हुआ है। इस सैटेलाइट में 2 कैमरे हैं, जो चांद की सतह की तस्वीरें लेंगे। चीन का यह प्रोब 53 दिन तक चांद पर रहेगा, यानी 25 जून को यह धरती पर लौट आएगा। प्रोब शुरुआती कुछ दिन पृथ्वी की कक्षा में गुजारेगा और बाद में चांद की तरफ रवाना हो जाएगा। चीन ने साल 2030 तक इंसान को चांद पर भेजने का लक्ष्य रखा है। यह मिशन भी उसी टारगेट का हिस्सा है। मून मिशन को हैनान द्वीप के वेन्चांग स्पेस साइट से लॉन्ग मार्च 5 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, इस प्रोब का लक्ष्य चांद के दूर वाले हिस्से (जहां अंधेरा होता है) पर जाकर सैंपल इकट्ठे करके इन्हें धरती पर भेजना है।


चांद का फार साइड वह हिस्सा है जो धरती से दूर है और इसे कभी-कभी चांद का अंधेरे वाला हिस्सा भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये हिस्सा हमें नजर नहीं आता है और इसके बारे में बहुत कम जानकारी है। चीनी स्टेट मीडिया शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक चांद के दूर के हिस्से और धरती के बीच कम्युनिकेश का समर्थन करने के लिए चीन 2024 की पहले 6 महीने के दौरान रिले सैटेलाइट क्यूकियाओ -2, या मैगपाई ब्रिज -2 को लॉन्च करने की योजना बना रहा है।


चीन चांद के अंधेरे हिस्से से सैंपल लाने वाला दुनिया का पहला देश होगा 
अभी तक चांद पर जा चुके सभी 10 लूनर मिशन पास वाले हिस्से (जो हमें दिखता है) पर ही पहुंचे हैं। ऐसे में अगर चीन का मिशन सफल रहता है तो वो ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा। चैंग'ई-6 साउथ पोल-एटकेन बेसिन पर लैंड करेगा। यह चांद के तीन सबसे बड़े और प्रमुख जमीनी हिस्सों में से एक है। इसलिए इसकी साइंटिफिक वैल्यू बहुत ज्यादा है। चीन ने दूसरे देशों के साथ स्पेस को-ऑपरेशन बढ़ाने और रिश्तों को मजबूत करने के लिए उनके पेलोड ले जाने की घोषणा की थी। इसके तहत चीन पाकिस्तान के अलावा फ्रांस, इटली और यूरोपियन स्पेस एजेंसी का पे-लोड लेकर रवाना हुआ है।

पाकिस्तान चीन के सहारे स्पेस मिशन्स में शामिल होना चाहता है
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का क्यूबसैट एक बेहद मिनिएचर सैटेलाइट है, जो आमतौर पर 1*1 फीट का चौकोर डिब्बा जैसा दिखता है। पाकिस्तान तियांगोंग स्पेस स्टेशन के साथ-साथ चंद्रमा के साउथ पोल पर चीन के नेतृत्व वाले बेस में शामिल होने के लिए समझौता करने की कोशिश कर रहा है।

चैंग'ई-5 चांद की 1731 ग्राम चट्टानें-मिट्टी लेकर चीन लौटा था
साल 2004 में चीन ने अपना लूनर मिशन लॉन्‍च किया था। 2007 से अब तक वह पांच रोबोटिक मिशन शुरू कर चुका है। चैंग'- 5, दिसंबर 2020 को चंद्रमा पर उतरा था। इस मिशन के तहत चांद की 1731 ग्राम चट्टानें और मिट्टी को पृथ्वी पर लाया जा सका था। इसे एक उपलब्धि माना गया था। इससे पहले चीन का ही चैंग'ई-4 मिशन साल 2019 में चांद के फार साइड पर जाने वाला पहला मिशन था। चीन इकलौता ऐसा देश है जो चांद के दूसरे हिस्से तक अपना लैंडर भेज पाया है। चैंग'ई-4 मिशन का रोवर, जिसका नाम युतु 2 है, दुनिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाले चंद्र रोवर है। यह करीब पांच सालों से चांद पर मौजूद है।

 

About The Author: Swatantra Prabhat Desk