ब्यूरो /शत्रुघ्न मणि त्रिपाठी
गोरखपुर जनपद के खजनी क्षेत्र सेमरर्डॉडी में श्रीमत देवी भागवत कथा का आयोजन बिगत 26 अप्रैल से प्रारम्भ होकर 3 मई को पूर्णाहुति के दिन विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया है , उक्त गांव में नवनिर्मित माँ दुर्गा मंदिर का प्राण प्रतिष्ठान के साथ कथा का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य जजमान कुंदराज मिश्रा व द्वितीय जजमान चंदा देवी के नेतृत्व में ग्राम समाज का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ, जिसके उपरांत कार्यक्रम का आहूत किया गया ,नौ दिवसीय संगीत मयी कथा के बाद 3 मई को भंडारे का आयोजन किया गया है ,
श्रीमत देवी भागवत कथा का रसपान आचार्य धर्मदेव चाणक्य के मुखर विंद से मां भगवती के महिंसासुर बढ़ की कथा प्रारम्भ हुआ , संगीतमय कथा का रसपान कर स्रोत मन मुग्ध हो गए ,पूरी रात मां भगवती के जयकारे से आसमान गुंजमान रहा । "मां को लागी नजरिया कोई टीका लगा दो " सुंदर गीत प्रस्तुत कर कथा के प्रारम्भ में पंडित धर्म देव ने कहा सुंदर स्वरूपा मां जगदमबा का अलौकिक रूप देख महिषासुर मोहित हो गया ,ब्रह्मा जी से वरदान पाकर महिषासुर अत्यंत शक्तिशाली और अत्याचारी हो गया। उसने तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया। देवताओं का स्वर्ग भी हासिल कर लिया।
देवता उसके अत्याचार से त्रस्त थे। तब सभी देवताओं ने मां भगवती की आराधना की। इस पर मां प्रकट हुईं और देवताओं को अभय का वरदान दिया तथा महिषासुर के अंत का वचन दिया। मां दुर्गा और महिषासुर में भयंकर युद्ध हुआ। देवी ने उसकी विशाल सेना को नष्ट कर दिया।
अंत में उन्होंने महिषासुर का भी वध कर दिया। मां कि महिमा व संगीत मई कथा सुन लर स्रोता ओत पोत हो गए । "माँ को लागी नजरिया कोई टीका लगा दो 'का गीत स्रोता तालियां बजा झूम उठे ,मानो जगदमबा बाल रूप में स्वयं खड़ी है ,