लखनऊ--
लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकारी खाद्य तथा रसद विभाग में सरकारी राशन पर अब खाद्यान्न माफिया की नजर है।
ताजा मामला सदर तहसील क्षेत्र के सीतापुर रोड स्थित अग्रसेन नगर ताड़ी खाना L .G गोदाम के पास नारायण कमर्शियल सेंटर के गोदाम में धर्म स्वामी बबलू बाथम द्वारा बड़ी-बड़ी वाहनों में सरकारी खाद्यान्न विभाग का चावल मंगवाया जाता है। और गोदाम में अलग-अलग 50 किलो की प्लास्टिक की बोरियों में भरकर रातों-रात अन्य जनपदों में भेज कर मोटी रकम कमाई जाती है। जिस तरह से सरकारी खाद्यान्न की बड़े पैमाने पर यह तस्करी का कारोबार धडल्ले से राजधानी में किया जा रहा है।
इससे यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है की कहीं ना कहीं सरकारी राशन खाद्यान्न विभाग के अधिकारियों का भी सहयोग हो क्योंकि इस काले कारनामे के बारे में जब एडीएम सिटी सप्लाई साहब लाल से जब इस कारनामे के बारे में जानकारी की गई तो उनके कान खड़े हो गए। और उन्होंने तत्काल डिप्टी आरो निश्चल को मौके पर पहुंचकर जांच के निर्देश दिए परंतु ना वहां पर कोई खाद्यान्न विभाग का कर्मचारी जांच करने पहुंचा और वही खाद्यान्न माफिया गोदाम में रखें सरकारी खाद्यान्न चावल की बोरियों को वहां से हटा दिया गया और रात के अंधेरे में सरकारी चावल को प्लास्टिक की बोरियों में किए गए पैकिंग को भी रातों-रात गोदाम से अन्य जनपद भेजने का काम किया गया।
जब इस विषय पर नारायण कमर्शियल सेंटर के फॉर्म स्वामी बबलू बाथम से इस विषय पर जानकारी की गई तो उन्होंने और अन्य व्यापारियों पर भी सरकारी चावल को खरीद कर इस तरह के काम करने के बारे में जानकारी दी कहा यह चावल सरकारी बोरियों में गल्ला मंडी में भारी मात्रा में किसान द्वारा लाया जाता है और वहां से हम व्यापारी प्राप्त कर गोदाम में ले जाकर अन्य प्लास्टिक की बोरियों में पैकिंग कर अन्य जनपदों में भेज कर यह कारोबार किया जाता है। जबकि सरकारी खाद्यान्न का चावल फोर्टीफाइड कर सरकारी बोरियों में पैक किया जाता है। और सरकारी दुकानों में भेज कर गरीबों को राहत के लिए कम दामों में उपलब्ध कराया जाता है।
अगर नारायण कमर्शियल सेंटर के गोदाम की अगर जांच हो तो हजारों कुंतल सरकारी चावल प्राप्त होगा और चावल के सैंपल की जांच कर खुलासा होगा और कई चेहरे बेनकाब होंगे। क्योंकि सरकारी खाद्यान्न की तस्करी का सिंडिकेट बड़े पैमाने पर राजधानी में फैला हुआ नारायण कमर्शियल सेंटर की तरह कई ऐसे खाद्यान्न माफिया हैं जो यह कारोबार मुख्यमंत्री के नाक के नीचे बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। और अधिकारी हैं जो की जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई करने में कतरा रहे हैं। अब देखना यह होगा की इन खाद्यान्न माफियाओं पर कब करवाई होगी या फिर ऐसे ही गरीबों के सरकारी राशन की तस्करी का कारोबार फैलता रहेगा।