पूरनपुर
बरखेड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के चलते कस्बे में जगह-जगह खोदे गए गड्ढे आमजन के लिए मुसीबत बन गए हैं। महीनों से खुदे पड़े इन गड्ढों के पास न तो कोई काम कराया गया है और न ही सुरक्षा के उपाय किए गए हैं। गड्ढे आवागमन में तो बाधक हैं ही, हादसे का कारण भी बन रहे हैं। इसके विपरीत जिम्मेदार लोगों को हो रहे कष्ट से अनजान बने हैं।
कस्बे में वार्ड नंबर-पांच जनता इंटर कॉलेज के सामने मुख्य मार्ग के किनारे करीब 75 दिन पहले गहरा गड्ढा खोदा गया, जो अब तक उसी हाल में पड़ा है। यहां पर कोई काम नहीं कराया गया। जिन घरों के सामने यह गड्ढा है, वहां के लोगों को घर से बाहर निकलने में दूसरे मकानों की छत और उनके प्रवेश द्वार का प्रयोग करना पड़ रहा है।
वार्ड संख्या-तीन में पीपल के पेड़ के समीप भी कुछ इसी तरह के गढ्ढे खुदे पड़े हैं। वार्ड संख्या- नौ में सड़क किनारे लगभग 45 दिन पहले गड्ढे खोद कर डाल दिए गए। इससे दुकानदार और सड़क किनारे घरों में रहने वाले लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरी में लोगों ने आवागमन के लिए इन गड्ढों के ऊपर लकड़ी का ढांचा बनाकर रखा है।
गांधी आश्रम के लेखाकार घनप्रकाश राव का कहना है कि डेढ़ महीने से गड्ढा खुदा पड़ा है। किसी को हम लोगों की समस्या की परवाह ही नहीं है। चांद मियां व डॉ. सूरज पांडेय का कहना है कि उनके घर के सामने गड्ढों में नालियों का गंदा पानी एकत्र हो रहा है। इससे संक्रमण फैलने का डर है। कई बार सड़क का निर्माण कर रहे कर्मचारियों-अधिकारियों व नगर पंचायत अध्यक्ष से शिकायत की गई। अब तक किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है।
गड्ढे में जमा होता गंदा पानी, बीमारी फैलने का डर
दो महीनों से गड्ढा खोदकर डाल दिया गया है। निकलना मुश्किल है। गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं। किस से शिकायत की जाए। यहां कोई सुनने वाला नहीं है। पड़ोसी के घर से रहे निकल मुख्य मार्ग पर घर के सामने गड्ढा खुदा पड़ा है। कोई काम भी नहीं कराया जा रहा। घर से निकलने को पड़ोसी के घर से रास्ता बनाया है। सड़क निर्माण कराने वालों को हम लोगों की समस्या से कोई मतलब ही नहीं है।
खोदे गए गड्ढों के पास काम न कराए जाने की जानकारी नहीं थी। साइड इंजीनियर से जानकारी कर जल्द ही इन गड्ढों को भरवाकर समस्या का समाधान कराया जाएगा। गड्ढा 75 दिन से खुदा पड़ा है तो गलत है।