स्वतंत्र प्रभात
बेनीगंज/हरदोई। मुस्लिम समुदाय का पाक और मुकद्दस महीना रमजान उल मुबारक अब आखरी पड़ाव पर है। रमजान के पवित्र माह में 25वें रोजे और आखिरी जुमे को लेकर काफी उत्साह दिखाई दिया। बेनीगंज, कोथावां,प्रताप नगर क्षेत्र में रमजान के आखिरी असरे में बच्चों से लेकर बड़ों तक मुस्लिम समाज के लोग अल्लाह की इबादत में जुटे हुए हैं। शुक्रवार दोपहर को आखरीजुमे की अलविदा नमाज अदा की गई।
बेनीगंज नगर की सात मस्जिदों में अलविदा जुमे की नमाज अदा की गई। जिसमें मुख्य रुप से जामा मस्जिद,मक्का मस्जिद में लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। जामा मस्जिद में जुमे की नमाज मौलाना अब्दुल बारी के नेतृत्व में अदा की गई। मौलाना अब्दुल बारी ने बताया कि इस्लाम धर्म में रमजान माह की खास अहमियत है। इसी महीने में पवित्र किताब कुरान शरीफ आसमान से उतारी गई थी।
रोजा इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में से एक है। पूरी दुनिया के मुसलमान इस महीने का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। रोजा जहां आपसी भाईचारे का प्रतीक है, वहीं पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर इंसान अपनी इच्छाओं पर काबू पाता है।रोजा गरीबों, यतीमों, जरूरतमंदों के दुख दर्द व भूख प्यास का आभास कराता है। रोजे के दौरान इंसान झूठ, चोरी, चुगली, धोखेबाजी, अत्याचार जैसी सामाजिक बुराइयों से खास तौर सेबचता है।
9 अप्रैल रात में चांद दिखता है तो बुधवार को अन्यथा बृहस्पतिवार को ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाएगा। दूसरी ओर नगर में ही मक्का मस्जिद के मौलाना नईमुद्दीन कासमी का कहना है। कि रमजान का महीना सब्र व सुकून का महीना है। इस महीने में अल्लाह की खास रहमतें बरसती हैं।
रमजान माह का एहतराम (पालन) करने वाले लोगों के अल्लाह पिछले सभी गुनाह माफ कर देता है। इस महीने में की गई इबादत और अच्छे कामों के बदले सत्तर गुणा सवाब यानी की पुण्य मिलता है। जुमे की नमाज के दौरान जामा मस्जिद के आसपास पुलिस प्रशासन व कोतवाली प्रभारी संजय त्यगी इस मौके पर कई पुलिसकर्मी अपनी जगह बखूबी मुस्तैद दिखें।