रक्षामंत्री के गोद लिए आदर्श ग्राम बेंती में अफसरों की लापरवाही से गेहूं की फसल जलकर हुई राख

खेत में लगे बिजली के पोल पर हुई स्पार्किंग से हुआ हादसा

स्वतंत्र प्रभात
लखनऊ। आदर्श ग्राम बेंती को देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गोद लेकर सरकार की सभी मूलभूत योजनाओं से सुसज्जित करने की जो रुपरेखा बनायी गयी थी उसे अधिकारियों की मनमानी के कारण अभी तक धरातल पर उतारा नही जा सका हैं। 
ग्राम के विकास में विभागीय अधिकारी ही जहाँ रोड़ा बने हैं, वहीं जनमानस में इनके प्रति नाराजगी भी साफ दिख रही है। 
विद्युत विभाग की लापरवाही इस कदर बढ़ती जा रही है, जिसपर उच्चाधिकारी कुंडली मारकर हादसों को आमन्त्रण ही दे रहे हैं। गर्मी की शुरुआत और गेहूं की फसल पककर तैयार होने का मास अप्रैल से हो जाती है । जिसे किसान अपने खून पसीने की कमाई से तैयार करता है।
 
फसलों के नुकसान को बचाने के लिए, छुटटा जानवरों से फसल को सुरक्षित रखने हेतु जाड़े की रातों को अपने खेत की रखवाली में काट देता है। येन केन प्रक्रेण फसल को सुरक्षित कर पाया ही होता है, तो विद्युत के ढीले व लटके हुए तार जब आपस में टकराते हैं, तो उससे गिरती हुई लाल चिन्गारियाँ तो किसान के गेहूँ जलाकर स्वाहा कर देतीं है। इन हादसों का शिकार प्रदेश के कई ऐसे वह किसान होते हैं जिनके खेतों के अन्दर से विद्युत पोल लगे होते हैं।
 
आखिर इन हादसों की जिम्मेवारी किसके पास होगी। सोमवार को सरोजनीनगर के सांसद आदर्श ग्राम बेंती में वरिष्ठ भाजपा नेता हरौनी निवासी राजेश सिंह चौहान का लगभग 4 बीघा खेत है जिसे रामगढ़ी गाँव निवासी अर्जुन प्रसाद बटाई पर लेकर गेहूं की फसल बोये थे लेकिन बिजली की चिंगारियों ने इस किसान की लगभग 12 बिसवां गेहूं की फसल जलाकर राख कर दी।
 
अब सवाल यह उठता है कि क्या विद्युत विभाग किसान अर्जुन प्रसाद द्वारा अपने 10-12 बिस्वा खेत की जुताई, बुआई, खाद और पानी के नुकसान के साथ ही गेहूँ और जानवरों के भूसा की कीमत बिजली विभाग के अधिकारी नुकसान की प्रतिपूर्ति करेगें। जो इन हादसों के स्वतः जिम्मेवार हैं। आग लगने की सूचना पर तत्काल हरौनी फिडर की विधुत सप्लाई बन्द कर दी गयी, परन्तु अभी तो बेंती की फसल से शुरुआत है, विभाग यदि फसलों के अन्दर लाईनों की मरम्मत नहीं होगी तो न जाने कितने किसानो की फसलें इसी तरह जलकर भस्म होंगी ।
 
 

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