संजीव-नी। लंबी उम्र की ना दुआ किया करो।

संजीव-नी।
लंबी उम्र की ना दुआ किया करो।
 
मोहब्बत में दर्द छुपा लिया करो,
दर्द के छालों को छुपा लिया करो।
 
आशिकी छुपाना होती नहीं आसां,
जमाने को मेरा नाम बता दिया करो।
 
हर दर्द की दास्तां होती है जुदा जुदा,
अपने दर्द को दिल में दबा दिया करो।
 
रूबरू होने की खुशियां चंद लम्हों की,
जुदाई के अहसास को दबा लिया करो।
 
सन्नाटे का शोर क्यों है इतना रातों में,
शोर को खामोशी में छुपा लिया करो।
 
इश्क में तेरी दुनिया लुट गई मेरी,
लंबी उम्र की ना दुआ किया करो।
 
संजीव ठाकुर, 

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