रमेश अवस्थी और आलोक मिश्रा के बीच सीधा मुकाबला

स्वतंत्र प्रभात 
जितेन्द्र सिंह विशेष संवाददाता

कानपुर। नगर की लोकसभा सीट से सभी दलों के प्रत्याशियों ने जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है।‌कानपुर लोकसभा क्षेत्र से रमेश अवस्थी भारतीय जनता पार्टी, आलोक मिश्रा कांग्रेस सपा गठबंधन और कुलदीप सिंह भदौरिया हैं।

कानपुर लोकसभा सीट से मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रमेश अवस्थी और गठबंधन के प्रत्याशी आलोक मिश्रा के बीच ही होने की संभावना है। अब कुलदीप सिंह भदौरिया कितना वोट पाते हैं और उससे किसका नुकसान होता है ये दिलचस्प होगा। रमेश अवस्थी पेशे से पत्रकार थे लेकिन अब पूरी तरह से राजनैतिक रंग में रंग गये हैं। वह कन्नौज के रहने वाले हैं लेकिन कानपुर से भी उनका गहरा संबंध है।
 
आलोक मिश्रा जो कि सपा कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी हैं दिल्ली पब्लिक स्कूल के संचालक हैं। और काफी समय से समाज सेवा के कार्य में लगे हुए हैं।‌ आलोक मिश्रा राजनीति में कुछ ही समय से आए हैं। और जब अजय कपूर कांग्रेस में थे तब ऐसा लग रहा था कि इस बार लोकसभा का टिकट अजय कपूर को मिलेगा लेकिन अजय कपूर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये तो आलोक मिश्रा का रास्ता साफ हो गया।
 
कानपुर लोकसभा क्षेत्र में शहर के पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं कैंट, किदवई नगर, गोविंद नगर, सीसामाऊ और आर्य नगर, इन पांच विधानसभा क्षेत्रों में से तीन पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है जब कि दो पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विजई हुए थे। कैंट विधानसभा क्षेत्र से हसन रुमी, सीसामाऊ से इरफान सोलंकी, और आर्यनगर से अमिताभ बाजपेई समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।
जब कि किदवई नगर से महेश त्रिवेदी और गोविंद नगर विधानसभा क्षेत्र से सुरेंद्र मैथानी भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। अगर विधानसभा क्षेत्र से तुलना की जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को टक्कर दे सकता है। लेकिन बहुजन समाज पार्टी किसके वोटों में सेंध लगाएगी ये देखने वाली बात होगी। पिछली बार कानपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सत्यदेव पचौरी सांसद चुने गए थे जब कि उससे पहले भाजपा के ही मुरली मनोहर जोशी चुनाव जीते थे ।
 
 
यदि हम मुरली मनोहर जोशी से पहले की बात करें तो यहां से दो बार कांग्रेस से दो बार श्री प्रकाश जायसवाल सांसद रह चुके हैं। श्री प्रकाश जायसवाल केन्द्रीय कोयला मंत्री भी रहे थे। यदि पिछले लोकसभा चुनावों के परिणामों पर नज़र डालें तो भाजपा के रमेश अवस्थी के लिए राह आसान दिखती है और यदि हम विधानसभा वार तुलना करें तो आलोक मिश्रा का पड़ला भारी दिखाई दे रहा है। लेकिन कुछ भी हो मुकाबला दोनों के लिए आसान नहीं है।

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