अमेरिकी पुल हादसे के जहाज में 5 दिन फंसे भारतीय

जांच के बाद ही देश लौटने की उम्मीद; शिप मलबे के नीचे दबा है

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तारीख- 25 मार्च 2024, दिन- सोमवार। अमेरिकी शहर मैरीलैंड में बाल्टीमोर पोर्ट ने रवाना हुआ एक जहाज रात करीब 1:30 बजे 'फ्रांसिस स्कॉट की' ब्रिज से टकरा गया। इस जहाज में 21 भारतीय क्रू सदस्यों समेत 2 पायलट मौजूद थे।

खतरे को देखते हुए क्रू ने पहले ही मैरीलैंड ट्रैफिक अथॉरिटी को अलर्ट भेज दिया था। इसके बाद पुल पर ट्रैफिक को रोक दिया गया, जिससे कई लोगों की जान बच गई। हादसे के बाद मैरीलैंड के गवर्नर और यहां तक की अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भी भारतीय क्रू की सराहना की।

हादसे के 5 दिन बाद भी ये 21 क्रू सदस्य दाली जहाज में ही फंसे हुए हैं। जहाज के एक हिस्से पर पुल का मलबा पड़ा है, जिसे हटाने में कितना समय लगेगा इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस बीच भारतीय क्रू जहाज पर रोजमर्रा की ड्यूटी निभा रहा है। उनका लक्ष्य जहाज को आने वाली यात्रा के लिए सही स्थिति में बनाए रखना है। इसके साथ ही वो जांच अधिकारियों के सवालों के भी जवाब दे रहे हैं।

पुल हादसे में 6 की मौत, 2 ही शव बरामद हुए
25 मार्च को जहाज की टक्कर के बाद बाल्टीमोर ब्रिज का एक हिस्सा टूटकर जहाज के ऊपर गिर गया था। इस दौरान पुल पर 8 कर्मचारी मरम्मत का काम कर रहे थे। ब्रिज के साथ ये सभी लोग पेटाप्सको नदी में गिर गए। इनमें से 2 को मंगलवार को रेस्क्यू कर लिया गया था, जबकि 6 लापता थे। बुधवार (27 मार्च) को बरामद हुए दोनों शव एक पिकअप ट्रक में मौजूद थे, जो नदी में गिरा था। इसके बाद बाकी 4 लोगों को मृत घोषित कर सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया।

जहाज की कंपनी बोली- क्रू को रिप्लेस करने की कोशिश करेंगे
985 फीट लंबे इस जहाज पर 4700 कंटेनर मौजूद हैं। जहाज का कुल वजन 95 हजार टन है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जहाज पर पर्याप्त मात्रा में खाना, पानी और ऊर्जा मौजूद है। जहाज की कंपनी सिनर्जी मैरीन के सलाहकार क्रिस जेम्स ने कहा, "मामले की जांच पूरी होने के बाद हम भारतीय क्रू को हटाकर उनकी जगह दूसरा क्रू भेजने की कोशिश करेंगे।"

इस दौरान मनोरंजन के लिए जहाज पर एक टीवी, कुछ किताबें और मैगजीन्स मौजूद हैं। भारत के एक दूसरे नाविक क्सिटन जॉय सेकीरा ने बताया कि पुल हादसे के बाद उनको डर है कि कहीं इस हादसे का असर देश के दूसरे नाविकों पर न पड़े। हादसे की वजह से उनकी छवि खराब हो सकती है और फिर कंपनियां भारतीय नाविकों को काम रखना कम कर देंगी।

इंजीनियरों ने 23 साल पहले ही चेतावनी दी थी
फ्रांसिस की ब्रिज को 1977 में पेटाप्सको नदी पर बनाया गया था। इसका नाम अमेरिका का राष्ट्रगान लिखने वाले फ्रांसिस स्कॉट की के नाम पर रखा गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ब्रिज बनने के 3 साल बाद 1980 में ही इंजीनियरों ने चेतावनी दी थी कि ब्रिज का डिजाइन इस लायक नहीं है कि यह कभी भी कंटेनर शिप से टक्कर को झेल सके।

कंटेनर जहाजों को लंबे समय से बाल्टीमोर ब्रिज के लिए खतरे के तौर पर देखा जा रहा था। ब्रिज के बनने के कुछ ही साल बाद, एक जहाज फ्लोरिडा के टाम्पा खाड़ी में सनशाइन स्काईवे ब्रिज से टकरा गया था। इस दौरान पुल ढहने से करीब 35 लोग मारे गए थे। इसके बाद 1980 में एक जहाज बाल्टीमोर ब्रिज से भी टकराया था। हालांकि, ये बहुत छोटा था और इससे ब्रिज को कोई नुकसान नहीं हुआ था।

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