सुल्तानपुर: लोगों के लिए मिशाल बना पुलिस का जवान, अपना खून देकर बचा रहा लोगों की जान

जरूरतमंदों के एक फोन पर ब्लड डोनेट करने पहुंच जाता है, पुलिस का यह जवान जरूरतमंदों की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य : रिजवी

बंधुआ कला - सुल्तानपुर (स्वतंत्र प्रभात)।

समाज में पुलिस की छवि कितनी धूमिल हो चुकी है यह सभी को पता है लेकिन पुलिस कर्मियों के बारे में कम ही लोग जानते हैं जिन की मिसाल के चलते ही वर्दी पर आज भी लोगों का विश्वास कायम है। लोग पुलिसवालों के नकारात्मक किस्से तो अक्सर सुने होंगे लेकिन क्या कोई पुलिसवाला इतना भी सामाजिक हो सकता है की अपना सारा काम छोड़कर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करे। 

सर्दी गर्मी का समय हो या कोरोना जैसी महामारी का संकट हो कांस्टेबल कैसर अब्बास रिजवी हर वक्त गरीबों की मदद करने में पीछे नहीं हटते हैं जरूरतमंद की सेवा करना उनका ध्येय बन चुका है। कोरोना महामारी के दौरान कैसर अब्बास को गांव गांव जाकर कपड़े व अन्य आवश्यक सामग्री को जरूरतमंदों को बांटते हुए देखा गया। बीते दिनों सोशल मीडिया द्वारा जानकारी मिलते ही बंधुआ कला थाने में तैनात हेड कांस्टेबल कैसर अब्बास रिजवी ने एक जरूरतमंद महिला को रक्त देकर मानवता की एक मिसाल पेश की है। कैसर अब्बास इसके पहले भी कई जरूरतमंदों खून देकर जान बचाने का प्रयास कर चुके हैं। रिजवी ड्यूटी और सेवा दोनों को बखूबी निभाना जानते हैं। 

बताते चलें कि थाना क्षेत्र में कैसर अब्बास रिज़वी जरूरतमंदों की हर जरूरत को पूरा करने का प्रयास करते हैं यहां तक कि यदि उन्हें अपने शरीर का अमूल्य खून भी देना पड़े तो वह भी देने से हिचकते नहीं है।रिजवी का कहना है कि गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य है,जिस पर वो आज भी कायम है। कितना भी जरूरी काम हो लेकिन गरीबों की मदद के लिए ये हर वक्त तैयार रहते है। 

आज भी हेड कांस्टेबल कैसर अब्बास रिजवी के ब्लड डोनेट करने सिलसिला जारी है। पिछले सात आठ सालों में रिजवी ने जरूरतमंदोंं को कई यूनिट ब्लड दे चुके है। खून की कमी से मरने वालों को देखकर रिजवी ब्लड डोनेट करने के इस पहल की शुरूआत की। जरूरतमंदों को ब्लड डोनेट करने के लिए रिजवी 28 मार्च की 20वीं बार ब्लड डोनेट किया है।

रिजवी असहाय, गरीबों को निशुल्क ब्लड डोनेट करते है। वहीं जरूरतमंदोंं को भी ब्लड डोनेट कर उनकी जान बचा रहे है। कैसर अब्बास रिजवी सैकड़ों लोगों को ब्लड डोनेट कर उनकी जान बचा चुके है। इतना ही नहीं, ऐसे पीड़ित परिवार के लोगों की जानकारी मिलने पर रिजवी स्वयं अस्पताल पहुंच जाते है और उन्हें ब्लड डोनेट करते है।

About The Author: Rahul Singh