विश्व टीबी दिवस की थीम ‘हां! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं

स्वतंत्र प्रभात 
अलीगढ़,। एएमयू के जे.एन. मेडिकल कॉलेज के टीबी और श्वसन रोग विभाग द्वारा तपेदिक के उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता के साथ विश्व टीबी दिवस मनाया गया। विभाग के अध्यक्ष और राज्य टास्क फोर्स के उपाध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद शमीम के नेतृत्व में यह कार्यक्रम इस वर्ष के विश्व टीबी दिवस की थीम ‘हां! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं।’ के साथ शुरू हुआ।

प्रोफेसर मोहम्मद शमीम ने राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-2025 के अनुरूप, 2025 तक टीबी को समाप्त करने की देश की प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए सामूहिक प्रयासों की तात्कालिकता पर जोर दिया। उन्होंने जेएनएमसी में टीबी का पता लगाने और उपचार को बढ़ावा देने के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सौजन्य से लिक्विड कल्चर जैसी उन्नत उपचार तकनीक की शुरुआत की घोषणा की।

एनटीईपी के नोडल अधिकारी डॉ. नफीस अहमद खान ने इस बीमारी से निपटने में एनटीईपी कर्मचारियों, सलाहकारों रेजीडेंटस के समर्पण भाव की सराहना की। डॉ. इमराना मसूद ने टीबी संचरण के खिलाफ निवारक उपायों के बारे में बात की और कर्मचारियों से रोगियों और उनके परिवारों को खांसी के बारे में शिक्षित करने का आग्रह किया। डॉ. शहजाद अनवर ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण रणनीति, टीबी निवारक उपचार के महत्व को रेखांकित किया।

इस कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारी एनटीईपी डॉ. अतिया रोशन और डॉ. सामिया किरमानी, सलाहकारों, रेजीडेंटस और एनटीईपी कर्मचारियों ने भाग लिया। सांख्यिकी विश्लेषक राजेश को टीबी रोगियों के प्रति उनके समर्पण भाव से कार्य करने के लिए सर्वश्रेष्ठ एनटीईपी स्टाफ 2023-24 के रूप में सम्मानित किया गया।
एक अन्य प्रोग्राम के अन्तर्गत जे.एन. मेडिकल कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रबंधन में कार्यरत ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केन्द्र, जवां, द्वारा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सायरा मेहनाज और आरएचटीसी, जवां की सदस्य प्रभारी प्रोफेसर उज्मा इरम के मार्गदर्शन और देखरेख में विश्व टीबी दिवस कार्यक्रम के तहत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

क्विज का आयोजन दो चरणों प्रारंभिक और अंतिम चरणों में किया गया था और अंतिम दौर तक पहुंचने वाली पांच टीमों में से पहला पुरस्कार टीम निक्षय की दीक्षा सिंह और गौरी अग्रवाल को, दूसरा पुरस्कार टीम आरएनटीसीपी की सृष्टि मित्तल और सिद्धिका गर्ग को और तीसरा पुरस्कार टीम पीसीआर की रहीमा यूसुफ और शेरीन बुशरा को दिया गया। प्रो. एम. अतहर अंसारी और प्रो. उज्मा इरम ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। डॉ. रघुल एस ने ऑडियोविजुअल राउंड का संचालन किया जबकि डॉ. मोहम्मद यासिर जुबैर (सीनियर रेजिडेंट) ने एमसीक्यू राउंड और डॉ. दानिश कमाल (जूनियर रेजिडेंट) ने रैपिड-फायर राउंड का संचालन किया।

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