जेएनयू से एबीवीपी साफ लेफ्ट की फिर वापसी

स्वतंत्र प्रभात। 
लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में भाजपा स्पोर्टिड अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) यूनियन को लेफ्ट ने खदेड दिया है। 4 साल बाद जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी(जेएनयू) में फिर लेफ्ट का लाल झंडा लहरा गया। चुनाव नतीजों में- लेफ्ट-3,बासपा-1,और एबीवीपी का सूपडा साफ हो गया है।
 
लेफ्ट के कब्जे के बाद एक बार फिर ,लाल सलाम की गूंज (जेएनयू ) है। उल्लेखनीय है कि इस बार एबीवीपी को घेरने के लिए  सीपीआईएमएल,की स्टूडेंट विंग आल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन (आईसा),सीपीआईएम की विंग स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया ,(एसएफआईए) सीपीआई की स्टूडेंट्स विंग ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएस एफ) चारों का यूनाइटेड पैनल, अखिल भारतीय विद्यार्थि परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ मिलकर खडा हुआ था।
 
लेफ्ट के  दलित प्रेसीडेंट धनंजय, वाईस प्रेसीडेंट अभिजीत घोष, सेकेट्री पद पर प्रियांका आर्या, वही जोईंट सेकेट्री पद पर मौहम्मद साजिद ने बाजी मारी है।बता दें 4 साल बाद हुए चुनाव में 7751 वोटर्स मे से 5600 ने वोट दिए।  चुनाव में वोटिंग प्रतिशत 73 % रही। जो पिछले चुनाव से 5 फीसदी अधिक है। बता दें कि साल 1969 में स्थापित जेएनयू अकादमिक, प्रशासनिक से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग का धरातल है।
 
वामपंथ शुरू से ही जेएनयू पर हावी रहा है।लेकिन 2016 में एबीवीपी ने अपनी जडे जमानी शुरू कर दी थी। एबीवीपी के बढते प्रभाव को रोकने के लिए ही लेफ्ट के चारों स्टूडेंट्स विंग के गठबंधन ने इस बार भी अपना लाल परचम लहरा दिया।
 
 

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