चकबंदी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग

स्वतंत्र प्रभात
 हरदोई!  चकबंदी की मूल भावना को भ्रष्टाचार रूपी व्यवस्था दीमक की तरह चाट रही है, जो काम खेत की मेड गांव में होना चाहिए वह काम अधिकारियों/ कर्मचारियों की बाता नुकूलित मेजों पर हो रहा है चक्, रकबा ,दाखिल खारिज, विरासत, संशोधन , मालियत आदि के लिए विभागीय जिम्मेदारों को माल देना पड़ेगा तभी आपका कार्य होगा। 
 
 उक्त आशय का आरोप लगाते हुए समाजसेवी पंचनद संयोजक अवनिकांत वाजपेई एडवोकेट ने कहा कि हरदोई चकबंदी विभाग में अधिकारियों कर्मचारियों के लिए जोत चकबंदी अधिनियम की धाराएं व कानून प्रभावी नहीं है वहां जुगाड़ व रिश्वत ही मानक व कानून है जन सामान्य के लिए सस्ता व सुलभ न्याय की परिकल्पना करना उनके लिए दिवा स्वप्न है 
श्री वाजपेई ने आगे कहा कि उन्होंने अपने चाउपुर स्थित एक खेत गाटा संख्या 823 की मालियत जो कि गलत लगाई थी। 
 
उसे बढवाने के लिए बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी श्री पी सी उत्तम के यहां अपील प्रस्तुत की सभी औपचारिकताएं पूर्ण होने पर एस ओ सी श्री उत्तम ने व्यक्तिगत मिलने के लिए कहा भेंट के दौरान उन्होंने खेत की मालियत बढ़ाने के लिए कुछ मालपानी रिश्वत देने की पेश किया की रिश्वत न देने के कारण एक महीने से अधिक समय तक आदेश को रोक रहने के बाद उसे निरस्त कर दिया यह एक उदाहरण नहीं ऐसे तमाम उदाहरण विभाग में मौजूद है। 
 
 श्री वाजपेई ने चकबंदी विभाग हरदोई में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमित्तायो ,किसानों के शोषण पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर चकबंदी आयुक्त तक को  पत्र भेज कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की और कहा कि जिससे शासन की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टारलेंस नीति सहित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जन सामान्य को मिल सके। 

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