नगर पंचायत अध्यक्ष व ई ओ की मिली भगत से खरीदी गई मानक विहीन ठेलिया का भुगतान रोक जाने की मांग

नवनिर्वाचित सभासदों ने जिलाधिकारी खीरी को लिखित शिकायत देकर सरकारी धन का दुरुपयोग करने वाले नगर पंचायत अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी खीरी टाउन के काले कारनामों की जांच कराकर कार्यवाही किए जाने की मांग ।

स्वतंत्र प्रभात 
लखीमपुर खीरी मामला नगर पंचायत कस्बा खीरी टाउन का है जहां पर नगर पंचायत खीरी की अध्यक्ष उजमा बी तथा अधिशासी अधिकारी विनीत कुमार के द्वारा मिली भगत करके जमकर सरकारी धन का दुरुपयोग निजी हित में किए जाने का मामला चर्चा का विषय बना है। उक्त भ्रष्टाचार से आहत नगर पंचायत के सभासद गणों ने जिला अधिकारी खीरी को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है ।जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में सभासदों का आरोप है कि नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए खरीदी गई ठेलिया मानक विहीन एवं निष्प्रयोज्य है। उक्त ठेलिया खरीद में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है।
 
मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छता अभियान को नगर पंचायत अध्यक्ष उजमा बी व विनीत कुमार द्वारा मिली भगत करके कूटरचित तरीके से चूना लगाया जा रहा है। खरीदी गई ठेलिया देखने में हर कोई पुरानी ही बतायेगा। ऐसा लगता है कि ठेलिया में पुरानी सामग्री का प्रयोग करके व उसका रंग रोगन कराकर के भुगतान कर दिया गया है। खरीदी गई ठेलिया कूड़ा उठाने योग्य नहीं है। उक्त मामले को लेकर सभासद फूलमती, अली सिददीक, मोना ,मोहम्मद इमरान अंसारी ,जहीरुल हसन, राजकुमारी, सहित कई अन्य सभासदों ने मामले की जांच कराकर ठेलिया खरीद का भुगतान किए जाने पर रोक लगाई जाने की मांग की है।
 
उक्त घोटाले के लिए लामबंद हुए सम्मानित सभासद गणों ने ठेलिया घोटाला के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए बताया कि यह नगर पंचायत खीरी टाउन का पहला घोटाला नहीं है।यहां पर घोटाला और गड़बड़ झाला की एक लंबी फेहरिस्त है चाहे बूचड़खाना भुगतान स्कैम हो या वेस्ट कलेक्शन सेंटर का घोटाला हो या फिर चाहे होलिका दहन जमीन पर आरा मशीन लगवाने का मामला हो,
 
सिया इमामबाड़ा प्रकरण, मरम्मत कार्य, पेट्रोल डीजल भरवाने में गोलमाल किए जाने का मामला, हो या फिर फर्जी नियुक्ति तथा मीट कारोबारियों से एनओसी के नाम पर  अवैध वसूली किए जाने का मामला हो ,ऐसे कई अन्य मामले और भी हैं। जो जो चर्चा का विषय बने हुए हैं ।उक्त आरोप सम्मानित सभासदों द्वारा लगाए गए हैं। अब देखना यह है उक्त मामलों की जांच कराई जाएगी या फिर यूं ही पहले की तरह मामला ढाक के तीन पात बनकर रह जाएगा।
 

About The Author: Swatantra Prabhat Desk