गोला गोकर्णनाथ खीरी।
हैदराबाद थाना अध्यक्ष से फरियादियों का मिल पाना आसान नहीं है। वहां पहले अर्जी लगानी पड़ती है। अगर साहब की मर्जी हुई तब वह मिलेंगे अन्यथा किसी अधीनस्थ से ही मिलवा दिया जाएगा। थाना हैदराबाद में दीपक तिवारी के चार्ज संभालने के बाद व्यवस्था में बडा बदलाव आया है। अब थाने के गेट के बजाय पहरा पर मौजूद कर्मचारियों की ड्यूटी थाना अध्यक्ष के कार्यालय के बाहर लगती है। अगर कोई फरियादी अपनी समस्या लेकर थाना अध्यक्ष से मिलना चाहता है, तो उसे पहले रोक दिया जाता है। फिर वही पहरा उसकी अर्जी लेकर साहब के कक्ष में जाता है।
साहब अगर किसी के साथ बातों में व्यस्त हैं तो वह खड़े रहकर इंतजार करता है। उसके बाद इजाजत मांगता है। अगर इजाजत मिली तब तो फरियादी को मिलाया जाता है, वरना उसे किसी अन्य उप निरीक्षक या आरक्षी के हवाले कर दिया जाता है। थाना अध्यक्ष की कार्यशैली से फरियादी परेशान हैं। थाने की व्यवस्था ऐसी की गई है कि अगर आपकी कोई समस्या है तब भी मंदिर की तरह चढ़ावा अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
थाना अध्यक्ष की कार्यशैली इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। वही क्षेत्र मे कुछ दरोगा व सिपाही केवल धन उगाही करने के लिये क्षेत्र मे दौड लगाते रहते है।कही पर कोई यदि शिकार मिल जाती है, तो उसको माइनेज करने मे लग जाते है।वही दीपक तिवारी के चार्ज लेने के पश्चात क्षेत्र मे अबैध बालू, जुये, कच्ची शराब, लकडी खनन का काला कारोबार चरम पर है।
गस्त से भी परहेज करती है हैदराबाद पुलिस। की बडे अपराधो पर भी पर्दा डालने का कार्य हैदराबाद पुलिस के द्वारा किया जा रहा है।जिससे लोगो को न्याय पाने के लिये दर भटकना पड रहा है।