स्वतंत्र प्रभात
सीतापुर जनपद सीतापुर तहसील महमूदाबाद क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में आज भी अधिकांश गर्भवती महिलाओं में उचित जानकारी के अभाव के कारण बढ़ती स्वास्थ्य चुनौतियों के बहुत सारे मामले प्रकाश में आते हैं,और उनके दुष्परिणाम समाज में अभिशाप बनकर अथवा जिन्दगी के लिए विकट चुनौती बनकर यत्र-तत्र दिखाई भी देते हैं।
प्रायः एनीमिया, उच्च रक्तचाप,झटके आना, यूटीआई , भ्रूण में शुगर बढ़ना, वजन बढ़ना आदि अनेकों समस्याओं के साथ जच्चा में बढ़ा हुआ शुगर आदि अनेकों रोग गर्भावस्था में जच्चा व बच्चों में देखे जातें हैं जोकि बहुत ही हानिकारक सिद्ध होते हैं। इन सबके साथ बढ़ते हुये शुगर के कारण जच्चा व बच्चों का वजन बढ़ना आरम्भ हो जाता है जिसके कारण सामान्य प्रसव संभव नहीं हो पाता है।
और इसके अलावा बढ़े हुये शुगर के दुष्प्रभाव से गर्भस्थ बच्चे का मानसिक विकास क्षीण पड़ जाना,समय पूर्व प्रसव हो जाना, गर्भपात हो जाना आदि गम्भीर समस्याओं को भी झेलना पड़ सकता है।स्वस्थ भारत सुरक्षित भारत के भव्य सपने की प्रतिबद्धता के क्रम में आज सरकार ने इन सब चुनौतियों व समस्याओं से बचने के लिए कमर कस ली है और स्वस्थ्य विभाग, आंगन बाड़ी के साझा सहयोग से गांव की अन्तिम पंक्ति में रह रही महिलाओं तक जनजागरण के साथ ही उससे बचाव व उसके उपचार की भी व्यवस्था की जा रही है।
इसी क्रम में आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री हरपाल सिंह के नेतृत्व में सी एच सी अधीक्षक आशीष सिंह के निर्देशन में क्षेत्र के गांव हाजीपुर स्थित आयुष्मान आरोग्य मन्दिर पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी मनीषा वर्मा द्वारा गर्भवती महिलाओं में बढ़ते हुये शुगर की पहचान, उसके दुष्प्रभाव व उपचार सहित अन्य अनेकों बचाव उपस्थित दर्जनों गर्भवती महिलाओं के साथ साझा किये गये।
इस अवसर पर गर्भवती महिलाओं को ग्लूकोज पिलाकर उसकी जांच की गयी तथा परिवार नियोजन सम्बंधित जानकारी भी साझा की गई व गर्भनिरोधक सामग्रियों का निशुल्क वितरण भी किया गया। इस मौके पर क्षेत्र की ए एन एम शिल्पी मौर्या, आंगन बाड़ी सुनीता वर्मा, शीलम वर्मा, सुशीला देवी, सुमन देवी, मुन्नी देवी तथा आशा संगिनी रेखा देवी के साथ आशा सुमन देवी, सुमन वर्मा, रेखा देखा, उर्मिला देवी भी उपस्थित रहीं।
जबकि आंगन बाड़ी बखारी कला विमलेश कुमारी अनुपस्थित रहीं। कार्यक्रम का उद्घाटन ग्राम प्रधान प्रतिनिधि धर्मेन्द्र कुमार द्वारा दीप जलाकर किया गया। इस अवसर पर छोटी देवी, गायत्री देवी पूजा देवी सहित कुल बारह गर्भवती महिलाओं की जांच की गई।