स्वतंत्र प्रभात
लखनऊ राजपुरोहित मधुर जी अपने २७वें जन्म दिन पर सभी सनातनियों को संदेश देते हुए कहा सनातन की परंपरा में दीमक लगी हुई। केक काटने की क्रिश्चियन परंपरा पर अंकुश लगना चाहिए। आज कल की नयी परंपरा चली है केक के ऊपर फ़ोटो छपवा के उसपे केक काटा जाता है सनातन में ऐसी परंपरा को बलि देना बतलाया गया है जो व्यक्ति जीवित है उसके विकास के लिए दीपक जला के उसके जीवन में प्रकाश लाने की परंपरा को मिटा कर अब दीपक बुझाने की परंपरा को प्रचलित कर दिया गया।
बस केवल नाम के हिंदू रहे ये समाज के लोग जिस परंपरा की तिलांजलि देकर बर्थडे में केक काटते हैं और उसपे लगी फ़ोटो काटते है इससे अच्छा है कि पूरी तरह फादर को ही फ़ॉलो करे सनातन सभ्यता का संपूर्ण त्याग कर दें। आज समाज में सभी स्कूलों में २५ दिसंबर को हिंदुओं के बच्चे सैंटा बन के घूमते हैं।तुलसी पूजन,माँ बाप के पूजन की जगह प्लास्टिक पेड़ को अपना कल्चर मानते है और उनके माँ बाप उनकी पिक्चर सोशल अपलोड करते हैं।
और वही माँ बाप कुछ समय के बाद वृद्धाआश्रम में रहने के लिए दर बदर भटकते हैं यही केक काटने की परंपरा एक दिन पूरा घर उजाड़ देता है। और ये दिखावे के हिंदू बने लोग भगवान को दोष देते हैं। सनातनियों से निवेदन जन्म दिन में ,गऊ संत वृद्ध आश्रम ,अंधों ,दिव्यांग एवं अनाथ बच्चों के बीच उनकी सेवा कर आशीर्वाद को धारण कर अपने जन्म दिन पर अपनी आयु को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए !!