स्वतंत्र प्रभात
एस.डी.सेठी।
दिल्ली। देश की राजधानी पुलिस के दर्जन से ऊपर कारिंदे पिछले- 4-5 महीने में ही रिश्वत लेते हुए सीबीआई के हत्थे चढ चुके हैं। पुलिस के द्वारा रिश्वत वसूली के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इससे दिल्ली पुलिस की छवि पर बट्टा लग रहा है। इसके अलावा पुलिस वालों से भी वसूली के मामले भी सामने आए हैं। बता दें कि फरवरी -2022 में पुलिस वालों को ब्लैकमेल करने वाले सिंडिकेट का भंडाफोड हुआ था।जिनमें एक सब-इंस्पेक्टर और उसका बेटा भी शामिल था।
इस गैंग ने कई पुलिसकर्मियों से वसूली की थी। वहीं अब ये हालात है कि सीबीआई के द्वारा रंगे हाथ पकडने के मामले बढने से वाकई हालत गंभीर है।जाहिर है कि थाना लेबल पर घूसखोरी टाॅप पर है। दरअसल रिश्वती मामले में हर कोई आम शख्स सीबीआई तक नहीं पहुंच पाता है।कई मामलों में पीडित कानूनी पचडों से बचने या खुद गलत होने से शिकायत नहीं करता। उल्लेखनीय है कि उत्तर पूर्वी डिस्ट्रिक्ट के वेलकम थाने में सीबीआई ने रेड की। एक हेड कांस्टेबल प्रदीप 13000 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथ धरा गया।
यह हवलदार अवैध परमिट बस चलाने के लिए पैसे वसूलता था। इसी कडी मे बीते महज 5 महीने में ही सीबीआई द्वारा 5000 रूपये से लेकर 5 लाख रूपये तक की रिश्वत वसूलते 10 से ज्यादा दिल्ली पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। रिश्वतखोरी के मामलों पर महकमें के रिटायर्ड पुलिस अफसर का कहना है कई मर्तबा पुलिसकर्मियों पर रिश्वत के आरोप लगते रहते हैं।कई मामलों में जांच अधिकारी पर दबाव बनाने के लिए आरोप लगाए जाते है।
लेकिन सीबीआई के द्वारा रंगे हाथ पकडने के बढ रहे मामले वाकई खासे गंभीर हैं। इससे महकमें की छवि और भरोसे पर भी प्रभाव पडता है। लेटस्ट 12 मार्च को वेलकम थाने के हवलदार प्रदीप तौमर को 13 हजार रूपये की रिश्वत लेते सीबीआई ने पकडा था। 25 फरवरी नंद नगरी थाने के हेडकांस्टेबल पंकज को 40 हजार रूपये रिश्वत लेते पकडा।वह अवैध निर्माण के बूते रिश्वत वसूल रहा था। 15 फरवरी को हौजखास थाने के सब-इंस्पेक्टर को 5 हजार रूपये रिश्वत लेते दबोचा गया।
एएसआई स्कूटर वापस दिलाने के लिए पीडित से रिश्वत वसूल रहा था।8- फरवरी को जामिया नगर पुलिस स्टेशन के एसआई को चोरी के केस में कमजोर धारा लगाने के लिए 45 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार किया गया।10 फरवरी को कोतवाली दरियागंज ट्रैफिक सर्किल के हेडकांस्टेबल अमन को कूडा-कचरा उठाने वाले गाडी मालिक से 5000 रूपये की रिश्वत लेते सीबीआई ने पकडा। 5 जनवरी को सागर पुर थाने में तैनात एएसआई हरबंश लाल को अरेस्ट नहीं करने की ऐवज में 1 लाख रूपये की रिश्वत डिमांड केस में 20 हजार रूपये लेते सीबीआई ने रंगे हाथों पकडा।
वहीं 29 दिसंबर को सोनिया बिहार थाने में तैनात हेडकांस्टेबल रवींद्र सिंह राठी और कांस्टेबल जितेंद्र को अवैध कंस्ट्रक्शन करने के लिए 8000 रूपये लेते सीबीआई ने पकडा, 7 दिसंबर को आनंद विहार बस अड्डे के बाहर बस खडी करने के लिए 5000 रूपये मंथली लेने के आरोप में सीबीआई ने हेडकांस्टेबल अमरपाल और दलाल को दबोचा। 13 नवंबर को नई दिल्ली के बाराखंभा रोड में दर्ज एक केस से बचाने के लिए एएसआई राजेश यादव ने 4.5 लाख रूपये रिश्वत की डिमांड की। जिसमें राजेश यादव और वरूण चींचीं पकडे गए। ऐसे और भी कई मामले हैं जहां रिश्वत के बल पर अवैध को वैध कर दिया गया।