फर्जी अंकपत्रों पर नौकरी कर रही आंगनबाड़ी सहायिकाओ पर मेहरबान सी डी पी ओ 

नहीं उठता है सी डी पी ओ फुलबेहड का फोन

स्वतंत्र प्रभात 
लखीमपुर खीरी विकासखंड फूलबेहड के बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय फूलबेहड में भ्रष्टाचार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां हर काम के बदले कार्यालय में बैठे बाबू खुलेआम कार्यकत्रियों से पैसा लेकर उनका मानदेय निकाला जा रहा है। कुछ कार्यकत्री एवं सहायिका फर्जी अंक पत्रों पर नौकरी कर रही है ।उनसे हर माह कार्यकत्री से 1200 रुपएऔर सहायिका से आठ सौ प्रति माह लेकर बाबू तथा सीडीपीओ फूलबेहड उनका सहयोग कर रही हैं।
 
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत परसेहरी की कार्यकत्री कुसमौरी ,शिकटिहा में सहायिका के पद पर इसी तरीके से अनपढ़ महिलाएं फर्जी अंक पत्रों पर नौकरी कर रही हैं। इसके पहले पूर्व सीडीपीओ फूल बेहड फर्जी कार्यकत्रियों पर कार्यवाही करना चाहती थी। परंतु उनका स्थानांतरण हो गया जिसके चलते फर्जी अंक पत्रों की जांच नहीं हो सकी। सीडीपीओ फूलबेहड का पक्ष जानने का प्रयास उनके फोन नंबर  पर कई कई बार कॉल किया गया परंतु सीडीपीओ फूल बेहड इतनी व्यस्त थी की घंटी जाती रही उन्होंने पत्रकारों का फोन नहीं उठाया। कार्यालय फूलबेहड में बाल विकास कार्यालय का बोर्ड तक नहीं लगा है।
 
जो फरियादी शिकायत लेकर पहुंचते हैंउनको वहां के भ्रष्ट कर्मचारी भगा देते हैं ।आंगनबाड़ी के केंद्र आधे से अधिक बंद रहते हैं। बच्चों का निवाला खुले आम हड़प्पा जा रहा है ।फर्जी अंकों पर नौकरी करने वाली कार्यकत्री एवं सहायिका सीडीपीओ फूल बेहड की तारीफ करने से नहीं चूकती है। सीडीपीओ कार्यालय में बैठे बाबू भी पाक साफ नहीं है।
 
आखिर सीडीपीओ फुल बेहड द्वारा इन फर्जी अंक पत्रों पर नौकरी कर रही कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के अंक पत्रों की जांच क्यों नहीं की जा रही है ।यह एक अहम सवाल बना हुआ है। देखना अब यह है बाल विकास परियोजना के जिम्मेदारों की कुंभकरणी नींद टूटती है और कराई जाती है सहायकों एवं कार्यकत्रियों  के अंक पत्रों की जांच या फिर यूं ही बध़ी माहवारी लेकर दिया जाता रहेगा संरक्षण ।और सरकारी कोष को लगाया जाता रहेगा चूना।
 
 

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