ग्राम पंचायत अमोला बुजुर्ग में लगे स्ट्रीट लाइट का मामला पहुंचा शासन तक

 स्ट्रीट लाइट के मामले में बिजली विभाग के कर्मचारी से लेकर विकासखंड रामनगर के अधिकारियों की गर्दन फंस सकती

स्वतंत्रबप्रभात
अम्बेडकर नगर। बिजली विभाग के अधिकारी ग्राम पंचायत अमोला बुजुर्ग ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी कुलदीप के द्वारा स्ट्रीट लाइट लगवाईं बिना बिजली विभाग से कनेक्शन लिए ही स्ट्रीट लाइट सभी खम्बो पर लगा दिया गया जब इसकी शिकायत की जाती है तो बिजली विभाग कर्मचारीयों द्वार ग्राम पंचायत अधिकारी कुलदीप तिवारी को बचाने में लगें हुए हैं एक कहावत है जो चोर मौसेरे भाई यह सटीक बैठा रहा है। 
 
जांच अधिकारी श्री ए० के0 शुक्ला अधिशाषी अभियंता ने  दिनांक 21 अक्तूबर 2023 को जांच करके के निस्तारण आख्या द्वारा अवगत कराया कि ग्राम पंचायत अमोल बुजुर्ग द्वारा जितने भी आवेदन किए गए हैं उसपर कार्यवाही चल रही है तथा जितनी भी स्ट्रीट लाइट के कनेक्शन की बात की जा रही है उसके तार कटवा दी गई है।  जांच अधिकारी शिकायत निस्तारण में भिन्न रिपोर्ट दे रहे हैं पहले शिकायत में जांच अधिकारी रवीश कुमार पांडे उपखंड अधिकारी कहते हैं कि संयोजन कर दिया गया है
 
दूसरे में जांच अधिकारी श्री ए० के० शुक्ला अधिशाषी अभियंता कहते हैं कि जितने भी आवेदन दिए गए हैं उसपर कार्रवाई की जा रही है परंतु आवेदन संलग्न नही करते ही। साथ यह भी अवगत कराते हैं कि स्ट्रीट लाइट पर जो कनेक्शन जोड़े गए थे उसको कटवा दिया गया है इस भाषा में बता रहे हैं जैसे वह शिकायतकर्ता पर या बिजली विभाग पर एहसान कर दिए हैं तार कटवा कर। जब बिना कनेक्शन के स्ट्रीट लाइट जलाई जाती हुई पकड़ी गई थी तो तार कटवाने से पहले नियमानुसार उसपर जुर्माना लगाकर मुकदमा पंजीकृत करना था।
 
परंतु अधिशाषी अभियंता आरोपी से रिश्वत लेकर प्रक्रिया पूरी नहीं कर रहे हैं तार कटवा दिया है। शिकायत में रवीश कुमार पांडे उपखंड अधिकारी एवं श्री ए.के. शुक्ला अधिशासी अभियंता द्वारा दी गई रिपोर्ट की जांच कराई जाए कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है साथ ही ग्राम पंचायत अमोल बुजुर्ग द्वारा दिए गए सभी आवेदनों की जांच की जाए और लाइट चोरी पकडे जाने के बाद भी विभाग द्वारा आरोपी पर जुर्माना एवं मुकदमा पंजीकृत न करने के आरोप में अधिशासी अभियंता श्री ए. के. शुक्ल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने का कष्ट करें।
 
गौरतलब है कि अभी आम जनता के ऊपर बिजली विभाग को कारवाई करना होता तो वसूली भी करते हैं जुर्माना भी लगाते आखिरी इतना रहम क्यों किया जा रहा है बिजली विभाग कर्मचारी द्वारा ब्लॉक के अधिकारियों के ऊपर यह सब कारनामा बिजली विभाग का सुनकर जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है। जनता में अधिकारियों की छवि खराब हो रही है जिससे जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है आखिर ऐसे कारनामों से बिजली विभाग हमेशा सुर्खियों में रहता है गौरतलब कि शिकायतकर्ता ने बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ बिजली मंत्री को शिकायत दी। जिसपर बिजली मंत्री के निजी सचिव गेंदा सिंह ने प्रमुख सचिव को जांच सौंप दी।
 
 अमोल बुजुर्ग में लगे स्ट्रीट लाइट का मामला पहुंचा शासन तक 
अम्बेडकर नगर में भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने लगते हैं जैसे अभी 2 दिन से एक खबर चलाई जा रही है कुलदीप त्रिपाठी सचिव ग्राम पंचायत अमोला बुजुर्ग द्वारा ग्राम पंचायत अमोल बुजुर्ग में स्ट्रीट लाइट लगाने में फर्जीवाड़ा किया गया है। खबर चलने के बाद एक समाचार पत्र में कुलदीप त्रिपाठी के बयान और खंड विकास अधिकारी के बयान के आधार पर खबर छपी है कि सोशल मीडिया पर चलाई जा रही खबर फर्जी है।
 
कुलदीप त्रिपाठी खबर के विरुद्ध न्यायालय के शरण में जाएंगे और खंड विकास अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर आने वाली खबरों का संज्ञान नहीं लेते जब कोई लिखित में शिकायत आती है तो उसका संज्ञान लिया जाता है। कुलदीप त्रिपाठी तो स्वतंत्र है वह जहां चाहे जा सकते हैं। परंतु खंड विकास अधिकारी का क्या किया जाए जिसने खुद इसी प्रकरण में लिखित में बताया है कि उसके कार्यालय पत्रांक 295 दिनांक 13 सितंबर 2023 द्वारा ग्राम पंचायत सचिव कुलदीप त्रिपाठी को कारण बताओं नोटिस जारी कर 1 सप्ताह में अभिलेख की मांग की गई है।
 
जिला पंचायत राज अधिकारी ने भी अपने कार्यालय पत्रांक 3055 दिनांक 1 नवंबर 2023 द्वारा ग्राम पंचायत सचिव कुलदीप त्रिपाठी को कारण बताओं नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इस प्रकरण की जानकारी जिला विकास अधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को भी बहुत अच्छी तरह से है। सबकी मिली भगत से यह गबन हुआ है।
 
 इस प्रकरण में जब मीडिया विकासखंड अधिकारी रामनगर से बात की तो अपने ही बातों में उलझ गए 
मीडिया कर्मी ने पूछा कि एक खबर प्रकाशित हो रही है उसमें पत्रांक संख्या  इतने -इतने में कार बताओ नोटिस और स्पष्टीकरण मांगा गया क्या या खबर गलत चल रही है । तो विकासखंड अधिकारी ने चुप्पी  साध ली इससे ऐसा जाहिर हो रहा है कि इस भ्रष्टाचार में कुलदीप तिवारी के साथ विकासखंड के वीडियो  की सन्लिप्त  नजर आ रहे हैं। आखिर इतने बड़े-बड़े घोटाले करने के बाद कुलदीप तिवारी ग्राम पंचायत अधिकारी कैसे बचा हुआ है।
 
जो कि एक ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया था जो कि उसकी गलती ही नहीं थी ‌  यह सब जनता सोचकर हैरान परेशान है आखिर निर्दोष को निलंबित कर देना और दोषी को बचा लेना यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ । गौरतलब है कि जिले से लेकर ब्लॉक के अधिकारी  कुलदीप तिवारी को क्यों बचा रहे हैं। यह साबित हो रहा है कि चंद सिक्खों के लिए अपना ईमान भी बेंच देने वाले अधिकारी कर्मचारी पड़े हुए फिलहाल देखा जाए तो सच्चाई छुपती नहीं है
 
 अन्यथा कुलदीप तिवारी को कारण बताओ नोटिस क्यों जारी होती
वह विकासखंड रामनगर के वीडियो कह रहे हैं मुझे कोई शिकायत दे मैं कार्रवाई करता क्या बिना शिकायत के ही   कारण बताओ नोटिस जारी करने के 3 महीने बीत जाने के बाद भी कार्यवाही न हो ऐसा कैसे संभव है। पूरा प्रकरण यह है कि ग्राम पंचायत अमोला बुजुर्ग में वित्तीय वर्ष 2022_23 में लाखो रुपए की स्ट्रीट क्रय की गई है। जिसमें शासनादेश एवं पंचायती राज निदेशालय के आदेशो के विरुद्ध क्रय कर शासकीय धन का गबन किया गया है। श्री मनोज सिंह अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश द्वारा जारी आदेश संख्या 1633 दिनांक 10 अगस्त 2022 में स्पष्ट निर्देश दिया था कि एल.ई.डी. लाइट ऑटोमेटिक सेंसर वाली लगाई जाती है।
 
जिससे लाइट स्वतः स्विच ऑन व आफ हो जाए। फिर भी ग्राम पंचायत सचिव ने बिना सेंसर वाली लाइट क्रय कर शासनादेश का उल्लंघन किया है। जी दंडनीय अपराध है। श्री मनोज कुमार झा निदेशक पंचायती राज उत्तर प्रदेश ने अपने पत्र संख्या 42713 दिनाक 26 जून 2021 द्वारा शासनादेश में उल्लेखित ब्रांड की ही एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाए जाने हेतु नियत कंपनियों से वार्ता के उपरांत उनके अधिकृत डीलर की सूची सुलभ संदर्भ हेतु प्रेषित की थी। ग्राम पंचायत सचिव श्री कुलदीप त्रिपाठी ने निदेशालय द्वारा अधिकृत डीलरों की सूची में दिए गए नाम में से किसी भी डीलर से लाइट क्रय नहीं किया है उन्होंने लोकल फर्म से लाइट क्रय कर लगाई है जो निदेशालय के आदेश का उल्लंघन है।
 
1 लाख से ऊपर की लाइट क्रय की गई है इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी नहीं अपनाई। अगस्त 2022 से ही लाइट जला रहे हैं परंतु बिजली का कनेक्शन भी नहीं लिया यह भी दंडनीय अपराध है। इसमें भी बिजली विभाग द्वारा जांच कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जानी चाहिए थी। परंतु अभी तक कुछ नहीं हुआ। इतनी सारी अनियमितताएं गबन भ्रष्टाचार के बाद भी ग्राम पंचायत सचिव धमकी देता है कि न्यायालय की शरण में जाकर कानूनी नोटिस भेजेगा। खंड विकास अधिकारी कहते है लिखित में शिकायत मिलेगी तो जांच करेंगे। जिससे लगता है कि सचिव को उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है वह कुछ भी करें कोई अधिकारी उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करेगा। 
 
वह अपने स्तर से न्यूज़ चलाने वाले या खबर छापने वालों के विरुद्ध न्यायालय से नोटिस भेजकर उनको धमकी देता रहे देखते हैं इंतजार है कब विधिक नोटिस आए और उसका जवाब दिया जाए। मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला पंचायत राज अधिकारी को तो अब खबर का संज्ञान लेकर जांच पूरी कर भ्रष्टाचारी सचिव कुलदीप त्रिपाठी  के विरुद्ध कार्रवाई कर ही देनी चाहिए। क्योंकि भ्रष्टाचार, अनियमितता और शासनादेशो का उलंघन तो हुआ है। जिसपर कार्यवाही न करने से यह सिद्ध हो जाएगा की मुख्य विकास अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी भ्रष्टाचारी सचिव से रिश्वत लेकर उसको संरक्षण दे रहे हैं और जनपद में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।

About The Author: Swatantra Prabhat Desk