–स्कूल वाहन के लिए केवल बसें ही मान्य हैं,
–बावजूद इसके टेंपो, मैजिक वैन और तमाम छोटे बड़े वाहन स्कूल वैन के नाम पर लगाए जाते हैं।
–स्कूल का नाम, फोन नंबर आदि लिखे बिना ही कई स्कूली वाहन सड़क पर फर्राटा भर रहे हैं।
– जबकि जिले में दो-दो एआरटीओ मौजूद हैं बावजूद इसके ऐसी गाड़ियां को आखिर चेक क्यों नहीं किया जाता
– ऐसे वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही करनी चाहिए
नवाबगंज (उन्नाव)।
स्कूली वैन अनियंत्रित होकर पलट गई जिसमे स्कूल के लगभग 15 बच्चे सवार थे जिनमे एक बच्चे मौत हो गई बाकी बच्चे घायल हो गए। अभिभावक अपने बच्चों को इलाज हेतु अपने घर ले गए।
नवाबगंज विकासखंड के अंतर्गत आशा खेड़ा के पास एसआरएमएस स्कूल की वैन गाड़ी नंबर UP35 AN 4845 सुबह लगभग 8:00 बजे बच्चों को लेकर ख्वाजिकीपुर मिश्री गंज नवाबगंज से एसआरएमएस स्कूल आशाखेड़ा जा रही थी आशा खेड़ा के पास गाड़ी की गति अधिक होने की वजह से अचानक गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई जिसमे सवार एक 6 वर्षीय बच्चे रूद्र (सक्षम) पुत्र वीरेंद्र प्रताप उर्फ नीरज निवासी ख्वाजीकीपुर मिश्रीगंज नवाबगंज की मौके पर ही मौत हो गई
बाकी बच्चे घायल हो गए। वैन भजन खेड़ा निवासी राम सिंह रावत की बताई जाती है जिसको उसका भाई सूरज चल रहा था। मौके पर मौजूद लोगों ने दुर्घटनाग्रस्त वैन से घायल बच्चो को निकाला तथा स्कूल वालो को सूचित किया गया जिसपर कुछ देर बाद सभी बच्चो के अभिभावक मौके पर पहुंचकर अपने बच्चो को इलाज हेतु घर ले गए। घटना से सभी बच्चे काफी डर सहम गए। घटना का कारण अधिकतर स्कूलों में लगे प्राइवेट वहां बिना फिटनेस और बिना सुरक्षा व्यवस्था के चलना जबकि नियम ये है कि केवल बस मिनी बस जो पीले रंग की और उसपर स्कूल का नाम भी होना चाहिए। लेकिन स्कूलों की मनमानी और जिम्मेदारों का ध्यान न देना भी दुर्घटनाओं का सबब बनती है।