UPPSC :पीसीएस प्री 2024 स्थगित, अब जुलाई में होगी परीक्षा, 220 पदों पर होनी है भर्ती

प्रयागराज

यूपीपीएससी की ओर से पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा इसी महीने के 17 तारीख को प्रस्तावित थी। आयोग ने परीक्षा को स्थगित कर दिया। अब जुलाई में यह परीक्षा आयोजित की जाएगी। 

आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 2023 में पेपर लीक मामले के बाद यह आशंका जताई जा रही थी कि आयोग पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा स्थगित कर सकता है।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को स्थगित कर दिया है। यह परीक्षा 17 मार्च को प्रस्तावित थी जो अब जुलाई में कराई जाएगी। पीसीएस के 220 पदों पर भर्ती के लिए तकरीबन 574000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। 

UPPSC PCS Prelims: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 17 मार्च को आयोजित होने वाली सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) 2024 की प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित कर दिया है। अब परीक्षा जुलाई माह में संभावित है। आयोग ने नोटिस में कहा, 'आयोग के विज्ञापन संख्या ए-1/ ई-1/ 2024 दिनांक 01-01-2024 के अंतर्गत विज्ञापित सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रा.) परीक्षा 2024 के संदर्भ में एतदद्वारा सूचित किया जाता है कि आयोग द्वारा प्रश्नगत परीक्षा 17 मार्च, 2024 को प्रस्तावित थी, उक्त परीक्षा अपरिहार्य कारणों से स्थगित की जाती है। प्रश्नगत परीक्षा जुलाई में संभावित है, जिसकी सूचना यथा समय दी जाएगी।'

 


पीसीएस के 220 पदों के लिए 5,74,538 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। उत्तर प्रदेश समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी 2023 की प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक और एग्जाम रद्द होने के बाद आयोग के लिए पीसीएस प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित करना बेहद चुनौतिपूर्ण माना जा रहा था।
आरओ एआरओ पेपर रद्द किए जाने के बाद आयोग के परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी को हटा दिया गया है। इसके बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव ने पेपर लीक प्रकरण में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

पेपर लीक की एसटीएफ करेगी जांच

आरओ-एआरओ भर्ती 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक होने पर मुकदमा दर्ज हो गया लेकिन अभी तक यह पता नहीं चला कि किसने और कैसे पेपर आउट कराया। नकल माफियाओं का परीक्षा केंद्रों पर सेटिंग थी या किसी अन्य तरीके से पेपर को वायरल किया गया। सिविल लाइंस पुलिस इस हाईप्रोफाइल केस को एसटीएफ से जांच कराने की तैयारी में जुटी है।

 पुलिस का तर्क है कि इस केस की पहले से एसटीएफ जांच कर रही है। लोकसभा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने पेपर लीक प्रकरण में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज होने से पहले ही शासन ने लखनऊ एसटीएफ को जांच सौंपी थी। 

एसटीएफ को जिम्मेदारी दी गई थी कि वह पता लगाएं कि मामले में क्या सच्चाई है। इस बीच यह मुकदमा दर्ज हो गया। सिविल लाइंस पुलिस फिलहाल इस प्रकरण की जांच कर रही है। लेकिन पुलिस अफसर इसे मुकदमे को एसटीएफ को ट्रांसफर कराना चाहते हैं। इससे पूर्व भी आयोग में पेपर लीक प्रकरण में वाराणसी एसटीएफ ने कार्रवाई की थी।

 हालांकि इस प्रकरण में सिविल लाइंस पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच की टीम भी नकल माफियाओं का सुराग लगाने में जुटी है। पुलिस के लिए यह चुनौती बन गया है। एक तरफ आरओ- एकआरओ परीक्षा तो दूसरी ओर सिपाही भर्ती परीक्षा, दोनों में पेपर लीक होने का आरोप लगा और परीक्षा को निरस्त कर दिया गया।

 

 

 

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