हवा में उड़ा सामाजिक सुरक्षा फंड,जनता को मिला विकास के नाम पर दंड

आरटीआई सूचना में करोड़ों के भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर

स्वतंत्र प्रभात 
सत्यवीर सिंह यादव
अलीगढ़,। आरटीआई एक्टिविस्ट अध्यक्ष भ्रष्टाचार विरोधी सेना पंडित केशव देव गौतम के द्वारा जिला अलीगढ़ में एक और आरटीआई से भ्रष्टाचार के जिन्न को बाहर निकाला है। यह भ्रष्टाचार ऐसा है जिले जिसमें बैठे आल्हा अधिकारी इसमें खूब डुबकी लगा रहे हैं। जिला अलीगढ़ में लगभग 800 से ज्यादा प्राइवेट कंपनियां रजिस्टर्ड है करोड़ों का कारोबार करती है,और करोड़ों के टर्नओवर है।


रजिस्टर्ड कंपनी उद्योग व्यापार करती है किसी भी प्रकार का कोई भी काम करती है मैन्युफैक्चरिंग व्यापार करती है तो कंपनी अधिनियम एक्ट के तहत 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष मुनाफा का जनहित में अपने क्षेत्र के विकास के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड के बतौर उसे विकास कार्यों में खर्च करने का प्रावधान है। लेकिन जिला अलीगढ़ में ऐसा हो नहीं रहा है हमारी गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक जिले में लगभग 1000 से अधिक प्राइवेट कंपनियां है।

कंपनी एक्ट के तहत वित्तीय वर्ष में करोड़ों रुपए से अधिक का मुनाफा इन कंपनियों के द्वारा कमाया ,लेकिन करोड़ों का टर्नओवर करने वाली कंपनियों को सामाजिक सुरक्षा फंड के रूप में मुनाफा का न्यूनतम दो प्रतिशत हिस्सा प्राथमिकता में रखते हुए सामाजिक विकास से जुड़े कार्यों में खर्च करना होता है । यह खर्च जिलाधिकारी की देखरेख में होता है,लेकिन इसका हिसाब जिला कलेक्टर से लेकर कार्यालय जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र औद्योगिक संस्थान अलीगढ़ के पास भी नहीं है।

यह भ्रष्टाचार का जिन्न भ्रष्टाचार विरोधी सेना के द्वारा आरटीआई के तहत बाहर निकाला है। अब सोचने वाली बात यह है की सरकार जिन कंपनियों को जिस नियम अनुसार व्यापार उद्योग करने के लिए मान्यता देती है और देश में जनहित में अपने क्षेत्र में विकास के नाम पर जो फंड 2 प्रतिशत लिया जाता है । वह जिलाधिकारी की देखरेख में होता है,लेकिन इसका हिसाब किसी के पास नहीं है।

अब सोचने वाली बात है यह है कि सामाजिक सुरक्षा फंड के नाम पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से निजी कंपनी अपने ऐसो आराम या अपने निजी लाभ में या फिर अपने परिवार नाते रिश्तेदारों के द्वारा बनाए सामाजिक संस्थाएं समितियां एनजीओ के द्वारा आम जनता के हक पर डाका डालकर करोड़ों का गबन भ्रष्टाचार कर रहे हैं। आरटीआई के द्वारा हुए इस भ्रष्टाचार खुलासा के बाद अब एनजीटी और मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को शिकायत कर पिछले कई वर्षों की जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत करेंगे।

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