गोवंश की आँख फोड़ते नजर आया कौआ, कर्मचारी मौके पर मिला गायब

गोवंशों के साथ जिम्मेदार कर रहे खिलवाड़

स्वतंत्र प्रभात
अंबेडकरनगर। गौशाला पर तैनात कर्मचारी ही गौशाला की हकीकत की पोल खोल रहे हैं। एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गौ रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है तो वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते उनकी दुर्दशा हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गौ रक्षा करने का सपना कैसे साकार हो पाएगा। ताजा मामला कटेहरी विकासखंड के लोहरा बरामदपुर अस्थाई गौशाला का है।
 
गोवंश की दुर्दशा देखकर आपकी रूह कांप जाएगी। रविवार को मीडिया पड़ताल के दौरान गोवंश की आंख को फोड़ते हुए कौआ कमरे में कैद हो गया। बेहोशी हालत में बीमार पड़े गोवंश की आंखों को कौआ फोड़ रहे थे। वहीं देखभाल करने के लिए लगाया गया कर्मचारी ताला लगाकर गौशाला से नजारत दिखा। एक कुत्ता भी जमीन में दफनाये गोवंश के मांस को नोचता दिखा लेकिन जब तक उसे कैमरे में कैद करने का प्रयास किया गया तब तक कुत्ता डर की वजह से भाग गया। यह सीन गौशाला के अंदर के अंदर का था।
 
गौशाला पर तैनात कर्मचारी मीडिया कर्मी के खुफिया कैमरे में जो बातें कहते कैद हुआ उसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे उसके द्वारा बताया गया कि इसके पूर्व में कई बार गौशाला में मरे गोवंश पाए गये। जिसमें पुलिस भी साथ आई थी लेकिन किसी भी मामले में आज तक कुछ नहीं हुआ। उसने यह भी दावा किया की इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं होगी। अपने गांव के बगल के ही एक पत्रकार का हवाला देते हुए बताया की अगर उनके द्वारा वीडियो चलाया जाता तो कार्रवाई होना संभव था अन्यथा की स्थिति में कुछ होने वाला नहीं है।
इस तरीके से कई बार फोटो और वीडियो मीडिया कर्मियों के द्वारा खींचा जा चुका है। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ है। वही गौशाला के अंदर में एक व्यक्ति गेट पकड़ कर झूमता हुआ नजर आया वह गेट खोलने का प्रयास बाहर हाथ डालकर कर रहा था और गेट को हिला रहा था। देखने मे शराब के नशे में  नजर आ रहा था। उक्त व्यक्ति के बारे में जब जानकारी की गई तो पता चला की उस व्यक्ति की मानसिक हालत ठीक नहीं है। उसे गौशाला में आराम करने के लिए लेटाया गया था। अब सवाल यह उठता है की जब जिलाधिकारी का निर्देश है की कोई भी व्यक्ति गौशाला में प्रवेश न करें तो आखिर कैसे गौशाला की कर्मचारियों द्वारा उस व्यक्ति को अंदर कैसे प्रवेश दिया गया।
 
 साथ ही साथ ही इतनी बड़ी लापरवाही करते हुए उसे लेटा कर मछली पकड़ने के लिए  चला गया और मीडिया कर्मी से मिलने के बाद भी वह कर्मचारी पुनः मछली पकड़ने के लिए चला गया। अगर मानसिक बीमार युवक के साथ गोवंशों द्वारा कोई हादसा हो जाता तो उसका जिम्मेदार कौन होता यह अपने आप में एक सवाल बना है। गौशाला पर तैनात कर्मचारी की इन बातों से क्या समझा जाए की जिम्मेदार अधिकारी भी ध्यान नही दे रहे है। वहीं सचिव से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हो सका।

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