मेडिकल सम्बंधित समान पहुंचता है कूड़ेदान में
स्वतंत्र प्रभात
अम्बेडकरनगर। सरकार लाख दावा कर ले चाहे उत्तर प्रदेश सरकार हो या केंद्र सरकार की सरकार की योजनाएं जमीन तक अर्थात जरूरत मंदों तक आसानी से पहुंच रही है तो यह सरासर ग़लत होगा क्योंकि कहीं पर सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त तो कहीं पर लापरवाही का आलम ऐसा है गरीबों के जान से खेलने में बाज नहीं आते। मामला आलापुर तहसील अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आलापुर का है।
मीडिया पड़ताल में कुछ चौंकाने वाली चीज सामने आई। सबसे पहले बात करते हैं है यहां के साफ सफाई का तो यहां पर साफ सफाई न के बराबर है जहां पर डाक्टर साहब बैठते हैं वहीं पूरे अस्पताल परिसर में गंदगी का भरमार मिला। अस्पताल परिसर के अंदर ऐसा गंदगी का भरमार मिला जिसको देखकर कोई भी कह सकता हैं यहां पर आने वाले मरीज कहेंगे कि यहां के गंदगी से कोई बीमार पड़ सकता है
यहां तक अस्पताल कर्मियों को यह भी नहीं पता अस्पताल निर्माण के समय शंकर भगवान के स्थान की स्थापना की गई थी लेकिन वह किसी भी कारण बस अधूरा अवस्था में है, अधूरा है फिर भी भगवान का स्थान है वहां पर साफ सफाई तो होनी चाहिए। लेकिन साफ सफाई के बजाय स्थान के आस पास लोग शौचालय करते हैं और इन लोगों को इतना नहीं पता भगवान के स्थान पर गंदगी और गंदगी का आलम ऐसा रहा शंकर भगवान के स्थान के बगल पेड़ पर यूरीन बैग लटका मिला।
अब बात करते हैं यहां पर इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई सरकार हर अस्पताल पर गरीबों की भलाई के लिए मेडिकल सामग्री लाखों खर्च कर उपलब्ध कराती है परन्तु मेडिकल सामग्री कूड़े में फेंका मिला अब सवाल उठता है कि मेडिकल सामग्री क्यों फेंका गया इसका जिम्मेदार कौन है हो सकता है और सामग्री भी फेंकी गई हो क्योंकि सभी कूड़े को जला दिया गया उसी जले में ही कुछ सामग्री मिला।
अब बात करते हैं स्वास्थ्य सेवा की सबसे महत्वपूर्ण बिंदु अक्सर स्वास्थ्य परिसर में आप लिखा पा जायेंगे कि परिसर के अंदर धूर्मपांन निषेध है पकड़े जाने जुर्माना लगाया जाएगा परन्तु अस्पताल परिसर में पीछे की तरह भारी मात्रा में दारू के बोतल छिटके मिले अब सवाल उठता है इतनी बड़ी मात्रा में दारू कौन पीता क्या कभी किसी को दारू पीते हुए पकड़ कर जुर्माना लगाया गया।