स्वतंत्र प्रभात
महमूदाबाद-सीतापुर।
मां संकटा देवी धाम में श्री राम कथा के आयोजन के आज द्वितीय दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक देवी ऋचा मिश्रा ने आए हुए श्रद्धालुओं को बताया कि सिर्फ भक्ति भाव में रामचरितमानस को सुनना ही प्रभावशाली नहीं है । उसको सुनना और धारण करना ही व्यक्ति को श्रेष्ठता की ओर ले जाता है। किसी भी भाव से यदि किसी ने राम नाम जप लिया या सुना तो उसका उद्धार ही होगा।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो भजन के माध्यम से देवी ऋचा ने सभी को भक्ति भाव में जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा धन व्यक्ति की भक्ति है। रामकथा की कथा वाचिका साध्वी ऋचा मिश्रा ने कहा रामकथा का मन मानस पर प्रभाव पड़ता है। इसके श्रवण से व्यक्ति ये सीखता है कि कैसे माता- पिता, बंधु - बांधव,प्रजा सभी के लिए व्यक्ति की कर्तव्य है। जिसका निर्वहन आवश्यक है।
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान युग चुनौतियों से भरा पड़ा है, भटकाव है। सबसे ज्यादा युवा दिग्भ्रमित हो रहे हैं। भटकाव के लिए दोषी जितना समाज है, उतना ही परिवार भी है और भटकाव से बचाव केवल राम के मार्ग पर है। राम के चरित्रों का जितना व्याख्यात्मक विचार हो उतना कम है। आज दौर बदल चुका है,बदले दौर में आज का युवा कहता है कि सबकुछ प्रैक्टिकल हो चुका है और इसी के चलते संवेदनाएं खत्म हो चुकी हैं। राम ने अपने कर्तव्य पथ पर बढ़ते हुए सभी के प्रति अपने कर्तव्यों का शुद्ध अंतकरण से निर्वहन किया। वे जितने अच्छे पुत्र थे,उतने ही अच्छे भाई थे। वे एक तरफ आज्ञावान शिष्य थे तो दूसरी तरफ प्रजापालक राजा थे। जीवन की कठिनाइयों के बावजूद राम ने कर्तव्यबोध का अवसान नहीं होने दिया।
इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी गण, सरोज शुक्ल, पप्पी मिश्रा, कृतार्थ मिश्रा, रोशन मिश्रा, आञ्जनेय आशीष सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थिति रहे।