पीड़िता की भुमिधरी जमीन पर लेखपाल ने कराया दबंग का कब्जा

शिकायत से बौखलाए लेखपाल ने सीलिंग की भूमि बताकर अधिकारियों को किया गुमराह

क्षेत्रीय लेखपाल और कानून को के विरुद्ध जिला अधिकारी से शिकायत कर लगाए उक्त गंभीर एवं भ्रष्टाचार के आरोप
 
लखीमपुर खीरी
 
तहसील लखीमपुर के अंतर्गत परगना श्रीनगर एवं विकासखंड फूलबेहड के अंतर्गत ग्राम गंगा बेहड निवासी जैतून बेगम  पत्नी हबीब ने जिला अधिकारी खीरी को प्रेषित अपनी शिकायत में क्षेत्रीय लेखपाल एवं कानून को पर उसकी बैनामे की भूमि धरी वाली जमीन पर दूसरे दबंग लोगों को कब्जा करवा देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का आरोप है कि उसके नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज जमीन गाटा संख्या 587 मिल जुमला रकवा 0.174 हेक्टेयर जिस पर वह इस जमीन की खरीदारी के बाद से आज तक काबिज चली आ रही है। जिस पर क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा विपक्षी गणो से मिली भगत करके विपक्षी गणो को कब्जा करा दिया। और उसकी उक्त जमीन पर विपक्षी गणो द्वारा गेहूं की फसल बो दी गई ।
 
जिसके खिलाफ जब जैतून बेगम द्वारा उच्च अधिकारियों से शिकायत करके न्याय की गुहार लगाई गई ।तो उक्त लेखपाल द्वारा अधिकारियों को भ्रमित करते हुए उपरोक्त जमीन को सीलिंग की जमीन बताया जा रहा है। जबकि सीलिंग की जमीन अलग है ।और पीड़िता की भूमिधरी वाली जमीन अलग है। सीलिंग की जमीन पर पट्टे बन चुके हैं ।ऐसा पीड़िता का कथन है ।इतना ही नहीं गाटा संख्या 488 मिल जुमला रकवा 0.182 हेक्टेयर जिसमें बाग दर्ज कागजात है ।पीड़िता द्वारा गाटा संख्या 488 मिल जुमला रकवा  0.182 की मेड बंदी कराने के संबंध में थाना दिवस व तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिए थे।
 
जिस पर लेखपाल और राजस्व निरीक्षक मौके तक गए पैमाइश की गई लेकिन मेडबंदी नहीं कराई गई ।पीड़िता को सीलिंग की बात बताकर भ्रमित कर दिया गया। सीलिंग की खतौनी अलग है और पीड़िता की बैनामे वाली जमीन अलग है। उक्त जमीन पर रामपाल शोबरन अवधेश पुत्र गंण रामस्वरूप को कब्जा करवाने का तहसील प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। लेखपाल कानूनगो साहब कि विपक्षी गणो से मिली भगत है। उक्त लोग काफी दबंग हेकड किस्म लोग हैं ।पिडिता का कहना है कि उसकी जमीन उक्त दबंग लोगों के गांव के पास में है जिसके चलते उक्त लोग आमदा फौजदारी हो जाते हैं ।
 
पीड़िता ने जिला अधिकारी खीरी से न्याय की गुहार लगाते हुए पीड़िता के खेत की मेड बनवाए जाने व कब्ज़ा दिलाए जाने की मांग की है ।अब देखना है कि पीड़िता को उसकी जमीन पर कब्जा मिलता है या फिर लेखपाल साहब यूं ही अफसरो को गुमराह करते हुए पीड़िता को करते रहेंगे परेशान।
 

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