तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा हटवाए जाने की मांग

कथित भू माफिया अशोक मिश्रा सचिव सरवा सहकारी समिति ने पाट कर तालाब कराया दुकानों का अवैध निर्माण

राजस्व विभाग के जिम्मेदारों व ग्राम प्रधान सहित उक्त सचिव की मिली भगत से खेला गया तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा करने का खेल
 
 
लखीमपुर खीरी
 
 
सरकार के प्रयासों व सख्त आदेशों के बावजूद भी सरकारी जमीनों व तालाबों को पाटकर उन पर अवैध कब्जा किए जाने के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। उक्त भू माफियाओं के आगे सर्वोच्च न्यायालय सहित मुख्यमंत्री के आदेश बौने साबित होते-देखे जा सकते हैं ।ऐसा ही एक मामला कस्बा सुंदरबल में देखा जा सकता है ।
 
जहां पर सड़क के किनारे स्थित तालाब को पाट कर एक सरकारी कर्मचारी अशोक मिश्रा सचिव सरवा साधन सहकारी समिति के द्वारा ग्राम प्रधान सुंदरवल और राजस्व विभाग के जिम्मेदार को भारी भरकम चढ़ावा  चढ़ाकर तालाब को दिन के उजाले में पाटकर पक्का निर्माण कर लिया गया ।और चार दुकान बनवाकर किराए पर दे दी गई ।ऐसा ग्रामीणों का कहना है लेकिन राजस्व विभाग के जिम्मेदारों को यह अवैध कब्जा दिखाई ही नहीं पड़ा ।लोगों की माने तो यदि राजस्व विभाग के जिम्मेदारों द्वारा दिखाई गई होती जरा सी भी संजीदगी तो शायद इस तालाब पर अवैध कब्जा नहीं हो पाता।
 
              इसी तालाब में सुंदरवल के बरसाती पानी का संचय होता था ।इस तालाब के पट जाने से सड़कों पर पानी भरा रहता है और कीचड़ युक्त रास्तों से गांव के बच्चों और बुजुर्गों को निकालना पड़ता है।गत वर्ष बरसात के मौसम में कई स्कूली बच्चे गिरकर चोटिल भी हुए थे और उनकी कॉपी किताबें भी खराब हुई थी ।प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिव अशोक मिश्रा द्वारा राजस्व विभाग में गहरी पकड़ बनाए हैं और लक्ष्मी जी का चढ़ावा चढ़ाकर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने में जरा सी भी नहीं हिचकते हैं। उक्त सचिव पर नाम न छापने की शर्त के साथ दर्जनों लोगों ने बताया कि उक्त ने भ्रष्टाचार करके करोड़ों की नामी बेनामी संपत्ति बनाई है ।और यदि इनकी कर ली जाए आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच तो एक बड़ा खुलासा होना होगा तय।
 
                  वैसे भी यह सचिव साहब अक्सर अखबारी सुर्खियों में रहते हैं ।अभी हाल ही में गत माह पूर्व यह जब सरकारी दर से अधिक की कीमत पर खाद बेचने के लिए खासा चर्चित हुए थे ।उनके काले कारनामों को कई समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था ।यह साहब मामलों को मैनेज करने में भी खासा माहिर हैं ।अब देखना यह है कि तेज तर्रार व अवैध कब्जों के विरुद्ध खासा सक्रिय दिखने वाली एसडीएम सदर उक्त अवैध कब्जा को हटवाकर तालाब को उसके मूल स्वरूप में वापस लाने का आदेश पारित करती हैं ।या फिर मामले को ऐसे ही रफा-दफा कर दिया जाएगा।या फिर कबजेदारों के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाय दे दी जाएगी क्लीनचिट।
 
 
 

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