आखिर कब मिलेगा शिप्रा मिश्रा को न्याय

मोजमाबाद किसान सेवा सहकारी समिति सुंदरबल का मामला है जहां पर कार्य संलग्न पीड़िता द्वारा 35000 रुपए रिश्वत राशि न देने पर बगैर बकाया मानदेय व बगैर नोटिस नौकरी से निकाले जाने के समिति सचिव पर लगाए गंभीर आरोप

लखीमपुर खीरी
 
विकासखंड फूलबेहड़ के अंतर्गत सुंदरबल में स्थित मोजमाबाद किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनूप कुमार मिश्रा पर समिति की एक कर्मी शिप्रा मिश्रा द्वारा 35000 रुपए रिश्वत  मांगे जाने तथा घूष का पैसा ना देने पर दो माह का बकाया मानदेय दिए बगैर ही नौकरी से निकाल दिए जाने के गंभीर आरोप लगाते हुए जिला अधिकारी खीरी सहित सहायक निबंधक सहकारिता व डी आर कोऑपरेटिव लखनऊ तथा अध्यक्ष राज्य महिला आयोग लखनऊ को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर मामले में कार्यवाही किए जाने की मांग की थी।
 
बताते चलें उक्त सक्षम अधिकारियों को दिए गए प्रार्थना पत्र में शिप्रा मिश्रा ने आरोप लगाया है कि उसका चयन 1 सितंबर 2023 को मोजमाबाद किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड सुंदरवल में किसान सदस्य बनाने के लिए हुआ था ।तब से उक्त शिप्रा मिश्रा अपना कार्य जिम्मेदारी से करती चली आ रही थी उसके द्वारा लगभग साढे 750 सदस्य भी बनाए गए थे । उसके कार्यव्यवहार से क्षेत्र के किसान भी काफी खुश और संतुष्ट थे ।लेकिन समिति सचिव द्वारा उसपर 35000 रुपए रिश्वत देने का दबाव बनाया जाता रहा ।घटना माह दिसंबर की है जब एक दिन सचिव अनूप कुमार मिश्रा ने उसको बुलाया और कहा आप 35000 रुपए का बंदोबस्त करके दो तो हम तुम्हारा चयन ए आर शुक्ला जी से कहकर संविदा पर करवा दें।
 
शिप्रा मिश्रा द्वारा रिश्वत न देने की बात कहने पर गुस्साए समिति सचिव अनूप मिश्रा द्वारा यह कहते हुए उसे नौकरी से निकाल दिया कि आपका आचरण व कार्य व्यवहार अच्छा नहीं है। बकाया मानदेय भी नहीं दिया गया ।सचिव के रिश्वतखोर आचरण से आहत पीड़िता ने जिला अधिकारी खीरी सहित ए आर सहकारिता को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी। परंतु आज तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई ।तंगहाल शिप्रा मिश्रा ने उक्त मामले की लिखित शिकायत राज्य महिला आयोग से कर दोषी सचिव के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने तथा बकाया धनराशि दिलाए जाने की मांग की है। यह सचिव के भ्रष्टाचार का पहला मामला नहीं है अभी हाल ही में इनके ऊपर एक किसान सुरेश राजभर द्वारा लोन के नाम पर रिश्वत मांगे जाने के आरोप लगाए थे ।
 
उक्त मामले की जिले के उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की थी। जिसमें जांच के भय से अपनी गर्दन फसते देख सचिव अनूप कुमार मिश्रा द्वारा किसान सुरेश राजभर को समिति बुलाकर खाद व पैसा देकर मामले को मैनेज कर लिया गया ।लेकिन पीड़िता आज भी न्याय की आस में दर-दर की ठोकरें  खाने को विवस दिखाई पड़ रही है ।शिप्रा मिश्रा ने पुनः डी आर कोऑपरेटिव लखनऊ को पत्र प्रेषित कर न्याय की मांग की है। इस संबंध में जब किसान सेवा सहकारी समिति सुंदरवालके प्रबंध निदेशक अनूप कुमार मिश्रा से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया कि यह फर्जी आरोप लगाया जा रहे हैं। कोई पैसा नहीं मांगा गया है।

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