जिलाधिकारी के सपनों को लग रहा ग्रहण

दरवन झील जाने के लिए खड़ंजे में किया जा रहा तांबडे ईट का प्रयोग

स्वतंत्र प्रभात
अम्बेडकरनगर। 

जिलाधिकारी के आगमन के पश्चात जनपद में विकास का शुभारंभ नवागत जिलाधिकारी के रूप में अविनाश सिंह द्वारा पहले कार्य के रूप में दरवन झील से पक्षी विहार के नाम पर शुरुआत की गई ,जिसमें कार्य शुरू होते ही ग्रहण लगता दिखाई पड़ा है दरबन झील तक जाने के लिए किया जा रहे ईट के प्रयोग में टोटल दोयम दर्जे और तांबडे ईट का प्रयोग किया जा रहा है।

 

जिलाधिकारी के सपनों को ग्रहण लगाते हुए दिख रहा है दिए गए कार्य को ठेकेदार द्वारा दिवा स्वप्न दिखाकर कार्य किया जा रहा है क्या इसी प्रकार जिलाधिकारी के प्रथम विकास के रूप में दरबन झील के नाम पर शुभारंभ किए गए कार्य को ग्रहण लग जाएगा या अपने आप में एक यक्ष प्रश्न है। 

जबकि जिलाधिकारी द्वारा सौंदरीकरण/पक्षी विहार करने के पश्चात इसको पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए शुभारंभ किया गया था परंतु दरवन झील की स्थिति में कुछ ही सुधार नजर आ रहा है जिसको हम वीडियो में देख सकते हैं। दरबन झील पर राम वेद वर्मा द्वारा यह बताया गया कि सुनने में आ रहा था कि बिजली के नाम पर यहां चार लाख कुछ रुपए पास हुए थे l

जिससे प्रकाश व्यवस्था यहां संपत रूप से उपस्थित रहे परंतु दरवन झील पर प्रकाश व्यवस्था शून्य दिखाई पड़ी यह मैं ही नहीं यहां के लोग भी कह रहे हैं यह देखा भी जा सकता है। मत्स्य जीवी सहकारी समिति प्रतापपुर चमुर्खा के नाम दरवन झील का 10 वर्ष का पट्टा हुआ है। दरवन झील पर उपस्थित गुड्डू वर्मा द्वारा बताया गया जिलाधिकारी द्वारा दरवन झील के लिए सार्थक प्रयास किए गए परंतु अधीनस्थ विभागों तथा ठेकेदारों द्वारा इसको पूर्ण रूप से मूल स्वरूप में लाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है बल्कि विनोद वर्मा द्वारा यह भी कहा गया शायद जिलाधिकारी इस बात से अनजान है इसलिए इस प्रकार उनके अधीनस्थ द्वारा इस प्रकार कार्य किया जा रहा है।

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