गीता दिखाती है सुखमय जीवन जीने की राह : डॉ. चौहान

सनातन धर्म मंदिर में एक मिनट एक साथ गीता पाठ

करनाल ।

 

श्रीमद्भगवद्गीता जीवन जीने की कला सिखाती है। मनुष्य को निष्काम कर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देती है। भारत की इस अनमोल विरासत को आज सारा विश्व स्वीकार कर रहा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और ग्रामोदय न्यास के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने स्थानीय सनातन धर्म मंदिर में एक मिनट एक साथ गीता पाठ कार्यक्रम के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही। श्रीकृष्ण कृपा परिवार और जियो गीता की ओर से आयोजित कार्यक्रम में नगर के श्रद्धालुओं ने गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के आवाहन पर भगवद्गीता के तीन श्लोकों का भी निर्धारित समय पर सामूहिक पाठ किया।

डॉ.वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि पूज्य स्वामी ज्ञानानंद महाराज के मार्गदर्शन में श्रीमद्भगवद्गीता जयंती के अवसर पर आज का आयोजन देश और दुनिया के करोड़ों सनातनी कृष्ण भक्तों को एक साथ जोड़ने में क़ामयाब रहा। उन्होंने कहा कि असन्ध से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने कुरुक्षेत्र गए। इसके अलावा अनेक विद्यालयों और संस्थाओं ने इस अभियान में सहभागिता की।

भाजपा प्रवक्ता डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि इस समय देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल भगवत गीता को भी अपने जीवन का आधार बनाकर आगे बढ़ने वाले नेता हैं।

उन्होंने श्रद्धालुओं का आवाहन किया कि वे अपने घर में प्रतिदिन भगवद्गीता के कुछ श्लोकों का पाठ अवश्य किया करें। उन्होने कहा कि दैनंदिन जीवन के तनाव से बचने का सबसे कारगर उपाय भगवद्गीता का पाठ और उसके भावों को अपने जीवन में उतारना है। इस अवसर पर श्री कृष्ण कृपा परिवार द्वारा डॉ.  वीरेंद्र सिंह चौहान  को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया I 


वहीं मंच संचालन जगदीश छाबड़ा ने किया । 


 इस अवसर पर श्री कृष्ण कृपा परिवार समिति के अध्यक्ष रामनिवास गर्ग, श्री सनातन धर्म मंदिर के अध्यक्ष डॉ.हिमांशु छाबड़ा, प्रवीण गुलाटी,सूरज अरोड़ा,विनोद तनेजा,सतीश लुंबा, दीपक छाबड़ा,बृज टक्कर,राजेंद्र टक्कर,अश्विनी खंडपुर, रमेश मदान, गुलशन दुआ,राजेश दुआ,महावीर गर्ग,वीरेंद्र चुघ, बलदेव छाबड़ा,एडवोकेट नरेंद्र शर्मा, डॉ. बुटी राम, नितिन, रामलाल गर्ग, मोहन लाल जिंदल आदि  श्रद्धालु उपस्थित रहे I

 

 
 

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