बाल वैज्ञानिकों ने अपने स्थानीय स्तर की समस्या पर प्रस्तुत किए लघु शोध पत्र

विज्ञान माडल एवम विज्ञान एक्टिविटी,

राष्ट्रीय विज्ञान एवं संचार प्रौद्योगिकी


रिपोर्ट_सतीश चंद्र मिश्र 

स्वतंत्र प्रभात,अदलहाट,मीरजापुर

मीरजापुर। राष्ट्रीय विज्ञान एवं संचार प्रौद्योगिकी, 31वी राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस के आयोजन के प्रथम दिन शुक्रवार को विद्या संस्कार पब्लिक स्कूल कौड़िया कला अदलहाट में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 37 जिलों से आए हुए बाल वैज्ञानिक, गाइड टीचर, समन्यवयक एवं विषय विशेषज्ञ की टीम का टीका लगाकर एवं उनका स्वागत विद्यालय की प्रधानाचार्य शैल तिवारी एवं विद्यालय के शिक्षक तथा बच्चो ने मुख्य द्वार पर पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।


कार्यक्रम में सभी बाल वैज्ञानिकों ने 10बजे पंडाल में अपने पोस्टर प्रोजेक्ट फाइल को डिस्प्ले किया। 10.30से राज्य एकेडमिक समिति के समन्यवयक डॉ. विजय कुमार ,राज्य आयोजन समिति के चेयरपर्सन डॉ. सी. एम. नौटियाल,राज्य समन्वयक डॉक्टर एस के सिंह,राज्य आयोजन सचिव सुशील कुमार पांडेय ने मूल्यांकन मंडल के सदस्यो को मूल्यांकन के नियमो के सभी बिन्दुओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। 

11बजे कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवम सभी विशिष्ट अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर शुरुआत की गई।विद्यालय के बच्चो ने स्वागत गीत एवं गणेश वंदना प्रस्तुत कर सभी का स्वागत किया।विद्यालय की प्रधानाचार्य शैल तिवारी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा की यह हमारे विद्यालय एवम जनपद के लिए गौरव की बात है की इस तरह का विज्ञान मय कार्यक्रम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।      


बच्चो ने हम नन्हे विज्ञानी है विज्ञान....गीत प्रस्तुत कर पूरे कैंपस का माहौल विज्ञान मय बना दिया।  *मुख्य अतिथि* प्रोफेसर अरविंद पांडेय डायरेक्टर इंटर स्टेट एक्सीलेशन सेंटर नई दिल्ली ने सभी बाल वैज्ञानिकों को ऑन लाइन मोड में संबोधित किया क्योंकि मौसम की खराबी से मुंबई में उनकी फ्लाइट रद्द हो गई।अतिथियों द्वारा उमंग नवाचारिकी नामक प्रतिदिन छपने वाली न्यूजलेटर का उद्घाटन किया।                        

           डॉ. सी यम नौटियाल पूर्व कार्बन डेटिंग  वैज्ञानिक बीरबल साहनी  वानस्पतिक संस्थान लखनऊ बाल विज्ञान कांग्रेस एक ऐसी गतिविधि है जो बच्चो के भीतर वैज्ञानिक क्षमता में वृद्धि करती है।विज्ञान एक धर्म की तरह है।इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल वैज्ञानिक बनाना नहीं बल्कि बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करना है। यदि सभी वैज्ञानिक ही बनेंगे तो किसान,डॉक्टर, अध्यापक कहा पायेंगे।                                                  

    डॉ. एकेडमिक समन्यवयक विजय कुमार ने कहा की अब हम लोगो  को इस कार्यक्रम को कोविड के चलते और व्यापक बनाने में मदद मिली।इससे हम सभी ने इसे ऑन लाइन एवम ऑफ़ लाइन मोड में भी कराई गई।इस वर्ष के कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए 45बच्चो की ऑन लाइन वर्क शाप एवम 28शिक्षको की वर्कशॉप स्टेट ऑर्गेनाइजिंग कमेटी ने कराया।              राज्य समन्वयक डॉ.एस के सिंह ने कहा कि यह राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस सुदूर इलाके में हो रही है।इस क्षेत्र के बच्चे पूरे देश में नवप्रवर्तन की एक नया कृतिमान स्थापित किया है।


डॉ.टी के बेहरा भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान जाकिखिनी वाराणसी ने कहा की विज्ञान का क्षेत्र बड़ा विस्तार है,इसमें बहुत संभावनाएं है।कृषि विज्ञान के क्षेत्र में बच्चे नए नए प्रयोग कर समाज के लिए एवम किसानों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।उन्होंने सभी जिलों के आध्यापको का आह्वान भी किया किआप हमारे संस्थान में बच्चो के साथ विजिट कर सकते है।हमारे यहां के 60वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न लैब में होने वाले शोध के बारे में जान सकेंगे।    

                                     कार्यक्रम में विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर एन पी द्विवेदी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा की यह इस क्षेत्र की मांग रही है,जिस कार्यक्रम को हम सभी को आयोजित करने का मौका मिला है।डॉक्टर आर एस सिंह फाउंडर चेयरमैन डॉक्टर आर एस सिंह ने बाल वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा की विज्ञान ही एक ऐसा विषय है जिसके माध्यम से अपनी जिज्ञासा को शांत कर सकते है इसमें शिक्षको की भूमिका महत्व पूर्ण है।

विद्यालय की डायरेक्टर सौम्या द्विवेदी ने सभी का आभार व्यक्त किया।बाल वैज्ञानिकों ने थॉमस अल्वा एडिसन के आविष्कार पर एक नाटक प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम में आयोजित विज्ञान माडल प्रदर्शनी,फूड सेफ्टी   विभाग द्वारा लगाई  प्रदर्शनी ,अंध विश्वास के प्रति वैज्ञानिक जागरूकता,वाटर रॉकेट्री, कलाम इनोवेशन लैब द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उदघाटन डॉक्टर पी के मिश्र आई आई टी बी एच यू केमिकल इंजीनियरिंग एवम डॉक्टर सी एम नौटियाल ने किया।इस कार्यक्रम में 37जिलोंसेआये बाल वैज्ञानिकों ने अपने लघु शोध पत्र प्रस्तुत किए वैष्णवी श्रीवास्तव संतकवीर नगरने अपने गांव में तितलियों के कम होने का अध्ययन,अनुराधा मऊ ने खुले में शौच के दुष्प्रभाव,ऋषिका झांसी ने प्राथमिक वर्ग के छात्रों में पोषक तत्व कमी पर लघु शोध पत्र प्रस्तुत किया।

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