सुंदरीकरण में लाखों हो गए खर्च, बावजूद बिगड़ी शहर की सूरत-लग रहा लंबा जाम।

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव।

उन्नाव शहर की तस्वीर एक बार आप जरूर देखें यहां पर शासन की तरफ से लाखों खर्च तो कर दिए गए हैं। पर बावजूद उन खर्चे पर पूरा का पूरा पानी फिर गया है। शहर के अचलगंज तिराहा (गांधीनगर तिराहा) के सुंदरीकरण पर लाखों रुपए खर्च कर दिए गए

लेकिन ऑटो और ई- रिक्शा वालों की मनमानी ने शहर के साथ तिराहे के सुंदरीकरण की सूरत बिगाड़ दी है। ई रिक्शा और ऑटो चालकों ने इस तिराहे को वाहन अड्डा बना रखा है। चालकों की मनमानी शहर में जाम के रूप में लोगों के लिए मुसीबत बनी रहती है।

शहर में ई-रिक्शा ऑटो चालकों का कब्जा। उन्नाव जनपद में शहर के गांधीनगर तिराहे पर ई-रिक्शा और ऑटो चालकों ने कब्जा कर रखा है। यहां पर ऑटो वाले शुक्लागंज जाने के लिए ऑटो को खड़ा कर कर सवारी भरते हैं।

गांधीनगर तिराहा उन्नाव-कानपुर फोरलेन सड़क को जोड़ता है। सदर कोतवाली और अग्निशमन केंद्र के सामने स्थित इस तरह पर चालकों की अराजकता कई सवाल भी उठा रही है। इसी तिराहे पर उन्नाव जिले के प्रथम संसद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विशंभर दयालु त्रिपाठी की प्रतिमा भी लगी हुई है

और स्मारक स्थल बना हुआ है। स्मारक स्थल पर नगर पालिका ने कई लाख रुपए खर्च करके सेल्फी प्वाइंट भी बनवाया है। कुछ दिन महीने पहले ही तिराहा के बीच में डॉल्फिन की आकृति वाला सुंदर फव्वारा भी बनवाया गया है लेकिन इस तरह की सुंदरता पर ऑटो ई-रिक्शा चालकों की मनमानी और जिम्मेदारों की अनदेखी पानी फेर रही है।

जिम्मेदार यातायात और नगर पालिका के अधिकारी एक दूसरे पर टाल मटोल कर रहे हैं। दूसरी तरफ लापरवाही से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। आब देखना या होगा कि इस पर कार्यवाही कब होती है और कब यहां से ई-रिक्शा और ऑटो का अड्डा हटाया जाता है।

जिससे लोगों को राहत मिले और जाम से निजात भी मिल सके। शहर में लगा हुआ है मेला, लग रहा जाम। उन्नाव में दशहरा रावण दहन वाले दिन से शहर में एक बड़ा मेला लगता है। इस मेले की शुरुआत शहर के छोटा चौराहा से लेकर गांधीनगर तिराहे तक होती है। यह मेल लगभग 15 से 20 दिन तक लगता है।

 

सड़क के दोनों तरफ मेले की दुकान लगती हैं। दुकानों पर भीड़ लगने से सड़कों पर चल रहे वाहनों की रफ्तार भी धीमी हो जाती है। जिससे लंबा जाम शहर में लग जाता है। यह जाम लोगों के लिए मुसीबत बन जाता है। दोपहर में स्कूलों की बेस भी इस सड़क से निकलते हैं जिसके कारण भी शहर में जाम लगता है।

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