सहायक विकास अधिकारी पंचायत की मनमानी से मुख्यमंत्री योजना धराशाई

सपने में भी ड्यूटी करने वाले अधिकारी निकले सहायक विकास अधिकारी पंचायत

अम्बेडकरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार सहित भारत सरकार लाख कोशिश करे शाशन की मंशा के अनुरूप लाभ पात्रों को मिल सके सभी को न्याय मिल सके परन्तु कुछ मठाधीश ऐसे पनप गये उनको शाशन के आदेश मंशा और योजनाओं का कोई परवाह नहीं, केवल अपनी जेब का वजन बढ़ाने में लगे हैं। मामला विकास खंड बसखारी के अन्तर्गत कार्य रत एक जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी सहायक विकास अधिकारी पंचायत जगदम्बा प्रसाद शुक्ला का है। 
 
विगत दिनों किसी गांव के खंडन्जा सम्बंधित शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल के माध्यम से की गई और यह जांच सहायक विकास अधिकारी पंचायत को मिली जिन्होंने रिपोर्ट लगाया जाच शिकायत कर्ता और ग्राम पंचायत सचिव की उपस्थिति में जाकर किया गया और शिकायत कर्ता का हस्ताक्षर भी हुआ निस्तारण पन्ने पर आनलाइन हुआ जबकि शिकायत कर्ता के अनुसार सहायक विकास अधिकारी पंचायत ने जांच के दौरान हमें नहीं बुलाया और निस्तारण पन्ने पर हस्ताक्षर भी फर्जी है कहने का मतलब इस जांच में शिकायत कर्ता मौजूद नहीं था और हस्ताक्षर भी उसका नहीं है।
 
जब शिकायत कर्ता द्वारा जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से इस शिकायत पर फीडबैक देकर मामले का पुनः जानकारी दी गई और अपने फर्जी हस्ताक्षर पर जबाब के उचित कार्रवाई की मांग की तो सहायक विकास अधिकारी पंचायत ने ऐसा रिपोर्ट लगाया जिसको थोड़ा सा भी पढ़ा लिखा व्यक्ति कह सकता है यह निस्तारण पूरी तरीके से फर्जी क्योंकि फीडबैक में फर्जी हस्ताक्षर का मामला दिखाया गया और निस्तारण में दिखाया गया समस्त कार्यों का भुगतान समय से और नियमानुसार होता है बात समझ में नहीं आता सहायक विकास अधिकारी पढ़ें लिखे नहीं है। 
 
क्या अगर पढ़ें लिखे होते तो जरूर पूरी तरीके से पढ़ कर रिपोर्ट लगाते हैं।अगर ऐसा नहीं तो कहीं सपना तो ज्यादा नहीं देखते और सपने में शिकायत कर्ता को बुलाकर जांच किए हो और जब नींद खुली तो रिपोर्ट लगाकर निराकरण कर दिए हों अगर यह भी नहीं तो निश्चित सहायक विकास अधिकारी पंचायत कहीं न कहीं भ्रष्टाचार में लिप्त है। परन्तु शिकायत कर्ता का कहना है कि चाहे ओ भ्रष्टाचार में लिप्त या नींद में शिकायत कर्ता का हस्ताक्षर तो जागते समय किए होंगे इसलिए उस फर्जी हस्ताक्षर पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत को जबाब देना पड़ेगा।
 
इसके लिए शिकायत कर्ता ने पुनः जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम अपने फर्जी हस्ताक्षर पर उचित कार्रवाई की मांग की है। अब तो समय ही बताएगा जांच कर्ता अधिकारी सहायक विकास अधिकारी पंचायत के ऊपर कार्यवाही करेगा या अपने विभाग का पक्ष लेकर अनाप शनाप रिपोर्ट लगायेगा।

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