हाईकोर्ट में विचाराधीन भूमि पर अवैध कब्जा कराने का प्रयास कर रहे कानूनगो लेखपाल

मामला है गम्भीर, बड़ी घटना को दे सकता है अंजाम...

मऊ जनपद के नगरपंचायत चिरैयाकोट में स्थित नगर के वार्ड नं०13 मौजा जमीन दुर्गा आराजी संख्या 48 रकबा 175 कड़ी का मामला माननीय उच्च न्यायालय में याचिका संख्या 2527 सन् 1988 राजकिशोर बनाम हीरा विचाराधीन है। जिसमें 5 नवंबर 2023 दिन रविवार को राजस्व निरीक्षक विजय कुमार सिंह एवं लेखपाल विनोद गिरी द्वारा विवादित भूमि को पैमाइश करके विपक्षीयों को कब्जा कराने का प्रयास किया जा रहा था।
 
उसी दौरान बिजय उपाध्याय मौके पर पहुंचकर राजस्व निरीक्षक से पूछताछ करने लगे और पूर्व में की गई कार्यवाही तथा हाईकोर्ट में विचाराधीन याचिका के साथ सवाल जवाब की कॉपी के साथ ही पूर्व लेखपाल अविनाश सिंह द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की कापी दे दिया है। जिसके बाद कानूनगों विजय कुमार सिंह तथा पुलिस की मौजूदगी में विपक्षी रमेश सिंह और उनके भाई व पुत्र एवं सहयोग में राम मिलन सिंह महमुदवां निवासी एवं रविन्द्र सिंह,मंडइया निवासी विंध्याचल प्रसाद मध्देशिया एवं
 
उनका पुत्र और विनोद बरनवाल
के साथ कई लोग मौके पर मौजूद थे। वह लोग जमीन मालिक बिजय उपाध्याय जो पेशे से पत्रकार है। उनकों अभ्रद भाषाओं के साथ भला बुरा कहने लगे इतना ही नही लात घुसो से मारने की धमकी भी दे डाली एवं जान से भी मारने की धमकी भी दे दिया। जब भू माफिया देश के चौथे स्तम्भ पत्रकार के साथ इस तरह की अभ्रद भाषाओं का प्रयोग कर रहे थे। उस समय राजस्व निरीक्षक कानूनगों बिजय सिंह मौके पर मौजूद थे लग रहा था उनकी मिली भगत हो। वह विपक्षी के साथ सोची समझी साजिश के तहत यह विजय कुमार सिंह जो राजस्व निरीक्षक अपनी जाति को पिछले दो-तीन वर्षों से लगातार कब्जा कराने में भरपूर सहयोग करते हैं।
 
ऐसे में  जिस भूमि संबंधित विवाद माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है उसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट आदेश है कि उस पर राजस्व विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी। लेकिन नगरपंचायत चिरैयाकोट के राजस्व विभाग प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के आदेश को ताख र रख कर मनमानी तरीके से कम करने में लगे हुवे है।  इतना ही नहीं राजस्व विभाग जिलाधिकारी के आदेशों की खुलेआम धज्जियां भी उडा रहे हैं।राजस्व कर्मचारि विपक्ष से अच्छा खासा मोटी रकम लेकर विवादित भूमि पर कब्जा करवाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं।  किन्तु प्रशासन के ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासनिक अधिकारी क्यों नहीं कार्यवाही करते है।
 
इससे साफ पता चलता है कि उस भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में सक्षम अधिकारियों की आपस में मिलीभगत होने के कारण ही इस तरह का कार्य खुलेआम किया जा रहा है। जिसके कारण आज जमीनी विवाद उत्पन्न हो बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे भ्रष्ट एवं भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ शासन को सख्त से सख्त कार्यवाही करनी  चाहिए। ताकि समाज में भ्रष्टाचारियों से मुक्त हो   राजस्व विभाग एवं पुलिस की लापरवाहियों के चलते आज तमाम लोगों के साथ बड़ी घटनाएं घट रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री जी भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने में भरपूर प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कहा तक सफलता मिलती है। यह तो वक्त ही बताएगा। वही मौके पर पहुंचे मीडिया से पत्रकार विजय उपाध्याय ने क्या कुछ कहा आइये दिखाते हैं।

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