स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव।
उन्नाव में माखी रेप कांड की पीड़िता ने लगाई न्याय की गुहार (सोशल मीडिया) पीडिता बोले- केस लड़ने के लिए मिला था साकार की तरफ से मुझे पैसा, तब मै नाबालिग थी”, अब चाचा पैसा नहीं दे रहे, सरकार उनकी खेती बेचे या मकान गिराए मुझे अपनी डिलीवरी के लिए पैसा वापसी चाहिए,चार लोगो पर एफआईआर करा चुकी हूँ
उसके बाद भी अधिकारी न फोन उठाते न मदद करते है? उन्नाव उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव के चर्चित माखी काण्ड दुष्कर्म पीड़िता का वीडियो सोशल मीडिया एक और वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पीड़िता ने लोगों से मदद की गुहार लगाई है.
साथ ही परिवारजनों पर कई आरोप भी लगाए हैं. पीड़िता ने कहा कि परिवार के लोगों ने उसे सरकार से मिली सहायता राशि ले ली है. उसके पास रहने के लिए घर नहीं है. पेट में 9 महीने का बच्चा भी है. मैं गर्भवती हूं, डिलीवरी के पैसे नहीं हैं डिलीवरी का प्रबंध किया जाए।
मैं गर्भवती हूँ, डिलीवरी के पैसे नहीं हैं डिलीवरी का प्रबंध किया जाए!
इससे पहले उन्नाव में चर्चित माखी कांड के दुष्कर्म पीड़िता के पति का वीडियो वायरल हुआ था, अब दुष्कर्म पीड़िता का वीडियो वायरल हुआ है. इस वायरल वीडियो में दुष्कर्म पीड़िता ने मदद की गुहार लगाई है. साथ ही उसने अपने चाचा और परिवार के लोगों पर आरोप लगाया है.
वायरल वीडियो में दुष्कर्म पीड़िता ने कहा कि अब उसके पास रहने को घर नहीं है. खाने को कुछ नहीं है. न ही पैसे बचे हैं. परिवार के लोगों ने शादी होने के बाद परेशान कर रखा है. अब दर-दर कि ठोकरे खा रही हूँ. पेट में 9 महीने का बच्चा भी है.
मैं गर्भवती हूँ, डिलीवरी के पैसे नहीं हैं डिलीवरी का प्रबंध किया जाए। सोशल मीडिया पर वायरल हुए 3 मिनट 35 सेकंड के वीडियो में दुष्कर्म पीड़िता ने कहा कि मैं उन्नाव की मांखी रेप कांड की पीड़िता हूँ, 9 महीने की गर्भवती हूँ,
आज पेट में अपना बच्चा इन सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे दर-दर भटकने को मजबूर हूँ. सरकार ने मुझे जो सरकारी आवास दिया था. उसे मेरे चाचा महेश सिंह ने हड़प लिया है।
डॉक्टरों ने डिलीवरी के लिए ऑपरेशन की बात कही
पीडिता ने वीडिय में कहा मुझे मिली सहायता धनराशि भी मेरे परिवार के लोगों ने साजिश करके मुझसे ले लिया है. डॉक्टरों ने डिलीवरी के लिए ऑपरेशन की बात कही है. अब ना ही मेरे पास पैसे हैं न ही रहने के लिए मकान है. आखिर में पेट में बच्चा लेकर कहां जाऊं? किसी के द्वारा मेरी कोई मदद नहीं हो पा रही है. मेरी यह बात सरकार तक पहुंचा दी जाए।