जंग है इजराइल-हमास की, तो कैसे 31 पत्रकारों की मौत और कई है गायब 

Israel vs Hamas: इजराइल-हमास जंग दिन पर दिन खतरनाक रूप लेता जा रहा है. 7 अक्टूबर से शुरू इस जंग में अब तक कई हजार लोगों की जान जा चुकी है. सबसे ज्यादा लोग गाजा पट्टी में मारे गए हैं. दूसरी ओर से युद्ध में अब तक 31 पत्रकारों की भी मौत हो चुकी है. मारे गए पत्रकारों में 26 फिलिस्तीन के, 4 इजराइल के और 1 लेबनान के बताए जा रहे हैं. ‘द टाइम्स ऑफ इजराइल’ ने ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट’ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि 31 पत्रकारों की मौत के अलावा 8 जर्नलिस्टों के घायल होने की भी खबर है, जबकि 9 लापता हैं या फिर उनको हिरासत में लिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जंग के दौरान पत्रकारों को लगातार हमलों, गिरफ्तारियों, धमकियों, सेंसरशिप और परिवार के सदस्यों की हत्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है.

‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट’ के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम समन्वयक शेरिफ मंसूर ने इस बात पर भी जोर दिया है कि पत्रकार संकट के समय महत्वपूर्ण काम करते हैं और उन्हें युद्ध के दौरान निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. कमेटी ने कहा है कि जंग को कवर करने के लिए पत्रकार बलिदान का काम कर रहे हैं. विशेषकर गाजा में रहने वाले पत्रकारों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. बता दें कि हमास की ओर से 7 अक्टूबर को इजराइल पर एक साथ 5000 रॉकेट दागे गए थे. इस हमले में इजराइल के कई नागरिकों और जवानों की मौत हो गई थी. हमले से खमखमाए इजराइल ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया और गाजा पट्टी में बमबारी शुरू कर दी. इजराइल की सेना की ओर से गाजा पट्टी में लगातार हवाई हमले किए जा रहे हैं. इसके साथ-साथ जमीनी हमला भी शुरू कर दिया गया है.

इजराइली बलों ने मंगलवार को उत्तरी गाजा में हमास के बुनियादी ढांचों पर जमीनी हमला किया. इजराइली सेना का दावा है कि 7 अक्टूबर से शुरू हुए युद्ध के बाद से उत्तरी गाजा से करीब 8 लाख लोग पलायन कर चुके हैं. इजराइली सेना के टैंक, बख्तरबंद वाहन सोमवार को ही गाजा के अंदरूनी इलाके में पहुंच गए थे. गाजा पट्टी में इजराइली सेना की एंट्री के साथ पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्ष विराम के आह्वान को मानने से इनकार दिया.

 

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