धान खरीद में बिचौलियों का बोलबाला औने पौने धान बेचने को विवश किसान

लखीमपुर खीरी।  एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के आर्थिक स्थिति सुधारने एवं उनकी फसल का दुगना मूल्य दिलाने के बड़े-बड़े वादे करती है वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के मातहतो की धनलोलुपता के चलते किसान अपनी फसल औने पौने दामों पर बेचने को विवश दिखाई पड़तेहै शायद मुख्यमंत्री के आदेशों और फरमानों का असर जनपद खीरी के अधिकारियों पर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। 
 
लखीमपुर जनपद उत्तर प्रदेश का कृषि प्रधान जिला है यहां पर धान गेहूं गाना  का उत्पादन अन्य जनपदों की अपेक्षा अधिक होता है लखीमपुर जनपद में 1 अक्टूबर से किसानों की धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है जिसमें राइस मिलर्स बिचौलिया एवं समितियां के सचिव का एक बड़ा सिंडिकेट राजस्व विभाग की सहमत से फर्जी रजिस्ट्रेशन धड़ल्ले से किए जाने के आरोपो का सिलसिलाथमने का नाम हीनही ले रहा है। 
 
कृषक पंजीकरण में जिस आधार कार्ड पर पंजीकरण हो रहा है उसकी बलदियत एवं खतौनी की बलदियत एक नहीं है बताओ उदाहरण जैसे श्री राम के नाम का रजिस्ट्रेशन है जिसमें श्री राम के पिता का नाम राजकिशोर है लेकिन बिचौलियों एवं राइस मिलरो व समिति के सचिवों ने यहीं पर खेल करते हुए जनपद के किसी भी तहसील में श्री राम के नाम से भूलेख नेट पर जाकर जिन श्री राम के गाटे की भूमि सबसे ज्यादा होगी उसी की भूमि उठाकर किसान पंजीकरण में इस्तेमाल की जा रही है जनपद में लगभग 90% किसान पंजीकरण उपरोक्त विधि से हुए हैं। 
 
क्योंकि एक बार किसान पंजीकरण लाक होने के बाद केवल खरीद एजेंसी एवं केंद्र प्रभारी ही देख सकते हैं इस प्रकरण में राइस मिलर्स बिचौलिया केंद्र प्रभारी ए आर कोऑपरेटिव प्रमोद कुमार शुक्ला के संरक्षण में यह फर्जीवाड़ा हो रहा है राइस मिलर्स बिचौलिया केंद्र प्रभारी और कोऑपरेटिव प्रमोद कुमार शुक्ला की मिली भगत से यह खेल व्यापक स्तर पर खेले जाने की चर्चाओं का बाजार गर्म है। 
 
जिसके चलते मध्यम वर्गीय किसानों को अपनी धान की फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है और विवश होकर उन्हें अपना धान बिचौलियों के हाथों औने पौने दामो बेचने पड़ रहे हैं धान खरीद में हो रहे फर्जीवाडे का खेल यहीं पर समाप्त नहीं होता है एडीओ ए डीसीओ सब के सब मिले हुए हैं तथा यही हाल बैंक में खोले गए खातों का भी है किसान पंजीकरण प्रपत्रों की तथा बैंक खातों की यदि कराई जाए जांच जिससे जनपद में हो रहे भ्रष्टाचार एवं फर्जीवाडे पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है। 
 
और किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाया जा सकता है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत वर्ष में जनपद लखीमपुर में अधिकारियों बिचौलियों राइस मिलरो द्वारा लगभग 70 करोड रुपए का घोटाला धान खरीद में होने का मामला काफी जन चर्चा का विषय बना था ए आर कोऑपरेटिव प्रमोद कुमार शुक्ला लखीमपुर खीरी ए डी ओ  भी रहे हैं और ए डी सी ओ  भी रहे हैं और वर्तमान में ए आर कोऑपरेटिव बनकर तैनात हैं जिले में लगभग उपरोक्त सिंडीकेट के द्वारा धान खरीद में भारी घोटाला करने की योजना दिखाई पड़ रही है। 
 
यदि मामले की कराई जाए उच्च स्तरीय जांच और कराया जाए पंजीकरण में दर्ज किसानो के नाम पिता का नाम और उनकी जमीन का मिलान तथा बैंकों में खुले खातों का भी किया जाए सत्यापन तो एक बहुत बड़े फर्जीवाडे और घोटाले का पर्दाफाश होना होगा तय और कई जिम्मेदारों पर लटकेगी कार्रवाई की तलवार अब देखना यह है की डी आर कोऑपरेटिव उक्त मामले में क्या निर्णय लेते हैं मामले की कराई जाती है निष्पक्ष जांच या फिर बिचौलियों को किसानों का शोषण करने के लिए दे दिया जाता है। 

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