पीलीभीत में बरसात ने बढ़ाई किसानों की परेशानी; अब फसल बेचने में हो रहा यह बड़ा नुकसान

शहर की कृषि उत्पादन मंडी समिति में बरसात होने के पहले धान की भारी आवक होती रही। उसी दौरान सरकारी सेंटरों पर भी तौल हो गई। सरकारी सेंटरों पर अभी तक सिर्फ लगभग 40 हजार क्विंटल धान की खरीद हो सकी है। बरसात हो जाने से धान में नमी बढ़ गई। इसके साथ ही मंडी में धान की आवक भी कुछ कम हो गई है।
 
पिछले दिनों हुई बेमौसम की बरसात और ओलावृष्टि से धान में नमी बढ़ गई है। ऐसे में मंडियों में व्यापारियों, राइस मिलरों ने भाव गिरा दिया। नमी अधिक होने से किसानों के धान की सरकारी सेंटरों पर तौल नहीं हो पा रही है। सरकारी समर्थन मूल्य 2183 रुपये है जबकि नमी अधिक हो जाने से व्यापारी किसानों का धान 1700-1800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव खरीद रहे हैं। सरकारी मानक के तहत धान में 17 प्रतिशत से अधिक नमी नहीं होना चाहिए जबकि बरसात के बाद नमी बढ़ गई।
 
अब तक 40 हजार क्विंटल धान की खरीद
शहर की कृषि उत्पादन मंडी समिति में बरसात होने के पहले धान की भारी आवक होती रही। उसी दौरान सरकारी सेंटरों पर भी तौल हो गई। सरकारी सेंटरों पर अभी तक सिर्फ लगभग 40 हजार क्विंटल धान की खरीद हो सकी है। बरसात हो जाने से धान में नमी बढ़ गई। इसके साथ ही मंडी में धान की आवक भी कुछ कम हो गई है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी विजय कुमार शुक्ला का कहना है कि जिले में विभिन्न एजेंसियों के कुल 161 क्रय केंद्र स्थापित हैं। इनमें से 16 केंद्रों पर अभी खरीद शुरू नहीं हो सकी।
 
जिलाधिकारी की ओर से ऐसी क्रय एजेंसियों के जिला प्रबंधकों को नोटिस जारी किए गए हैं। अमरिया : क्षेत्र में धान खरीद के लिए खोले गए सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीद काफी धीमी गति से चल रही है। धान की कटाई आखिरी दौर में पहुंच चुकी है। लगभग 80 प्रतिशत से अधिक फसल की कटाई हो चुकी है। आसपुर अंडराएन क्रय केंद्र पर अभी तक सिर्फ 500 क्विंटल धान की खरीद हुई है।
 
सरदार नगर क्रय केंद्र पर बारदाना उपलब्ध न होने से धान खरीद शून्य है। धान में नमी अधिक होने कारण अधिकांश किसान धान को उत्तराखंड एवं पीलीभीत मंडी में 1750 रुपये से लेकर 1800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेच चुके हैं। जबकि सरकार द्वारा उपज का समर्थन मूल्य 2183 रुपये घोषित किया गया है।
 
बिलसंडा : क्षेत्र में क्रय केंद्रों की पहले से ही कमी थी लेकिन जो भी लगे हैं वहां पर धान नहीं पहुंच रहा है। जिसकी वजह यह है कि बरसात हो जाने के कारण धान में नमी उत्पन्न हो गई है। ऐसे में सरकारी क्रय केंद्र पर किसान अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं।
 
ब्लॉक क्षेत्र में मात्र दो ही सेंटर लगाए गए हैं। जिसमें नौगवां संतोष व हेमपुर में अभी तक मात्र 80 क्विंटल की खरीद दिखाई गई है जबकि पचास प्रतिशत धान किसानों का लगभग बिक्री हो गया है। धान में नमी के कारण राइस मिल वाले भी कम दामों में खरीदारी कर रहे हैं। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
 
 

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