हिंदी के शीर्षस्थ समालोचक चिंतक साहित्यकार डॉ रामविलास शर्मा की 112 वीं जयंती

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव

उन्नाव। हिंदी के शीर्षस्थ समालोचक चिंतक साहित्यकार डॉ रामविलास शर्मा की 112वीं जयंती के अवसर पर स्थानीय महात्मा गांधी पुस्तकालय सभागार में एक विशिष्ट सारस्वत समारोह का आयोजन किया गयाl


कार्यक्रम का शुभारंभ डॉक्टर शर्मा के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। 
कुमार दिनेश प्रियामन ने अतिथियों का परिचय एवं एवं स्वागत किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रख्यात साहित्यकार, भाषाकर्मी कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉ अमरनाथ ने हिंदी जाति की अवधारणा और डॉक्टर शर्मा के विषय पर बोलते हुए कहां की डॉ रामविलास शर्मा का मानना था

कि हिंदी पट्टी जातिवाद को सांप्रदायिकता की गढ़ है, इनसे मुक्ति का मार्ग जाती चेतना के विकास से होकर ही जाता है। विषय प्रवर्तन करते हुए प्रो. आनंद प्रकाश शुक्ला ने कहा की डॉक्टर शर्मा की हिंदी जाति की अवधारणा बिरादरी के अर्थ में ना होते हुए

अर्थात राष्ट्रीयता (नेशनलिस्ट)के अर्थ में किया गया है। विशेष वक्ताओं में बंधु कुशावर्ती, आशीष सिंह एवं डॉक्टर रामचंद्र शुक्ल ने डॉक्टर शर्मा की हिंदी जाति की अवधारणा को वर्तमान राष्ट्रीय परिवेश में बहुत उपयोगी और विचारणीय तत्व के रूप में व्याख्यायित किया,

वक्ताओं का मानना था कि भारतीय लोकतंत्र को जीवन्त और स्वस्थ बनाए रखने में हिंदी पट्टी का सर्वाधिक दायित्व है, डॉक्टर शर्मा ने आजादी के बाद इस संदर्भ में हिंदी जगत की अवधारणा का विचार देकर राष्ट्रीय एकता की पहल की थी, और हिंदी भाषी जनता के महत्व को रेखांकित किया था।

नवगठित पंजीकृत डॉक्टर रामविलास शर्मा शोध सृजन संस्थान ने राष्ट्रीय ख्याति के साहित्यकारों विचारको को डा. शर्मा सृजन सम्मान करने की श्रृंखला का सूत्रपात प्रोफेसर अमरनाथ को 2023 के सम्मान से अलंकृत कर के किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर रामनरेश ने किया।

महामंत्री महात्मा गांधी पुस्तकालय, शरद मिश्र ने सभी का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में गौसिया खान ,  संजीव श्रीवास्तव, सुशील मिश्रा, अमरेंद्र, महावीर, उमाशंकर यादव, दिनेश उन्नावी, तनुजा अवस्थी के साथ ही शहर के अनेक प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।

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