बलरामपुर अवैध खनन पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है पचपेड़वा पुलिस

 चंद दिन पहले भी पचपेड़वा थाना क्षेत्र से अवैध खनन का मामला आया था प्रकाश में

 जिले के उच्च अधिकारियों की कार्रवाई के नाम पर चुप्पी का क्या है कारण

 पहले भी लूट के आरोप में पचपेड़वा में तैनात इंस्पेक्टर अवधेश राज सिंह सहित 12 पुलिसकर्मी हो चुके हैं बर्खास्त

 

पचपेड़वा-बलरामपुर

 

  जनपद बलरामपुर के पचपेड़वा थाना क्षेत्र के जिम्मेदारों के कथनी और करनी में  बड़ा अंतर है की बात सामने आ रही है ।आप को बता दे कि चंद दिन पहले पचपेड़वा थाना क्षेत्र में अवैध खनन का मामला प्रकाश में आया था  जिस पर अधिकारियों की चुप्पी एक बड़ा राज अपने दामन में समेटे हुए है जिसके चलते पचपेड़वा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सुगा नगर डुमरी में स्थित पहाड़ी नालों में अवैध खनन कारोबार बेखौफ किया जा रहा है l

जिसमे स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से इनकार नही किया जा सकता । जबकि स्थानीय पचपेड़वा थाना प्रभारी का दावा की अवैध खनन नही हो रहा सफेद झूठ साबित हो रहा है।क्योंकि हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ होते है कि कहावत चरितार्थ हो रही है।

जिसका प्रमाण यह है कि अवैध खनन की कुछ तस्वीरें सूत्रों द्वारा  फिर प्रकाश में आई है जो यह तस्वीर सिद्ध करती हैं  की अवैध खनन पर अंकुश लगाने के सारे दावे पचपेड़वा पुलिस के फेल नजर आ रहे वही पचपेड़वा पुलिस अवैध खनन को रोकने में पूर्ण रूप से विफल हो रही है। 

सूत्रों की माने तो बलरामपुर जनपद के पचपेड़वा थाने में तैनात इंस्पेक्टर अवधेश राज सिंह का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है । वर्षो पहले एक व्यापारी से 30 लख रुपए की नगदी और जेवर लूट के  मामले में अवधेश राज सिंह और अन्य 11 साथियों पर विभागीय कार्यवाही कर बर्खास्त किया गया था । जिससे ऐसा लगता है कि अपराध में इनकी पहले भी संलिप्ता रही है ।

 जिसके चलते आय से अधिक संपत्ति के भी मालिक होने का भी खुलसा हुआ हैं ।  इंस्पेक्टर अवधेश राज सिंह जिनकी तैनाती वर्तमान समय मे पचपेड़वा में है।इससे पहले  तुलसीपुर थाने पर इनकी तैनाती रही है। वही जनपद सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ में भी बतौर इंस्पेक्टर इनको तैनात किया जा चुका है।

सूत्रों की माने तो तुलसीपुर व शोहरतगढ़ थाने में इंस्पेक्टर अवधेश सिंह के के तैनाती में वाहन चोरों का गैंग काफी सक्रिय रहा जिसके चलते चोरी की घटनाओं पर लगाम नही लगा ।

 वही लगातार एक हफ्ते में दो-दो बार अवैध खनन का मामला प्रकाश में आने से यह तो साफ पता चल रहा है अवैध खनन पर अंकुश लगाने में पूर्ण रूप से पचपेड़वा पुलिस की विफलता दिख रही फिर भी उच्च अधिकारियों के द्वारा अब तक कोई कार्यवाही न करना एक बड़ा सन्देहात्मक शंदेश है वही एक बड़ा सवाल आखिर कार्यवाही के नाम पर जिले के उच्च अधिकारियों की चुप्पी का राज क्या है।

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