9 लाख 53 हजार रुपये के शासकीय धन के अपव्वय के मामले में नामजद सेवानिवृत्त अवर अभियंता गिरफ्तार

बीकापुर अयोध्या। तारुन ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत गयासपुर में 9 लाख 53  हजार 220 रुपये के शासकीय धन के दुरुपयोग के  मामले में नामजद आरोपी  सेवानिवृत्त अवर अभियंता लघु सिंचाई राम तीरथ वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामले में गांव निवासी राम कुमार शर्मा द्वारा तत्कालीन ग्राम प्रधान कुसुम निषाद के खिलाफ वर्ष 2016 से 2019 तक ग्राम पंचायत में कराये गये  विकास कार्यो में वित्तीय अनियमितता की शिकायत जिलाधिकारी सहित अन्य उच्चाधिकारियों से की थी ।
 
उनकी शिकायत को संज्ञान में लेते हुये जिलाधिकारी ने शिकायतकर्ता के शिकायती बिंदुओं की जांच प्रथम बार  जिला युवा कल्याण अधिकारी, लघु सिंचाई सहायक अभियंता से कराई थी।किन्तु शिकायतकर्त्ता उक्त जांच से संतुष्ट नहीं हुआ तो दूसरी बार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं सहायक अभियंता जिला ग्राम्य विकास अभिकरण से कराया गया। जांचोपरांत मामले में 9,53,220 रुपये की अनियमितता पाई गई थी।
 
जिसमे सोलर लाइट 704900रुपये, हैण्डपम्प मरम्मत एवं रिबोर 203140 रुपये तथा कूप मरम्मत कार्य करने में45180 रुपये सरकारी धन का अपव्वय होना पाया गया था।  जिस पर जिलाधिकारी नितीश कुमार ने 28 दिसम्बर 2022 को वित्तीय अनियमितता में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश खण्ड विकास अधिकारी को दिया था।
 
जिस पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत ने 2 फरवरी को तत्कालीन ग्राम प्रधान कुसुम,ग्राम पंचायत सचिव ,भूपेंद्र सिंह एवं लघु सिंचाई अवर अभियंता राम तीरथ वर्मा  सहित अन्य के विरुद्ध तारुन थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया था। मामले की जांच कर रहे रामपुर भगन चौकी प्रभारी अभिनन्दन पांडये ने बताया कि नामजद  जे ई राम तीर्थ वर्मा के खिलाफ न्यायालय से वारंट जारी हुआ था। वह वांछित थे।जिन्हें प्रयागराज हाइवे  पिपरी तिराहे के पास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
   
नामजद ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सचिवो ने ले रखा है अरेस्ट स्टे।अन्य नामजद आरोपियों के गिरफ्तारी के बावत पूछे जाने पर विवेचक ने बताया कि उन लोगो ने उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी से बचने के लिए अरेस्ट स्टे लिया है। हालांकि विवेचना की जा रही है। जेल गये जे ई को मंडलायुक्त से मिला था अभय दान।
   
मामले में जेल गये अवर अभियंता अपने ऊपर लगे वित्तीय अनियमितता को लेकर मंडलायुक्त गौरव दयाल के न्यायालय में अपील दायर किया था। जिसमे उन्होंने उल्लेख किया है कि जिन विकास कार्यो में वित्तीय अनियमितता का दोषी बनाया जा रहा है उस दौरान उनकी तैनाती नही थी।  मंडलायुक्त ने दायर अपील में स्पष्ट आदेश पारित किया है कि पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों से यह विदित होता है कि  ग्राम सभा मे सोलर एव स्ट्रीट लाइट, हैण्डपम्प मरमत व रिबोर कार्य के समय उनकी तैनाती ग्राम सभा नही थी।
 
हालांकि कूप मरम्मत  की 15060रुपये की धनराशि अधिरोपित है। मंडलायुक्त ने अधीनस्थ अधिकारी/जिलामजिस्ट्रेट द्वारा अपीलकर्ता के सम्बंध में पारित आदेश 28 दिसम्बर 2022 एवं 29 अप्रैल 2023 को 25 सितंबर 2022 को   निरस्त कर दिया। उन्होंने आदेश में कहा है कि और जिला मजिस्ट्रेट को इस निर्देश के साथ प्रत्यादर्शित किया जाता है कि प्रकरण के सम्बंध में प्रकरण के सम्बंध में अपीलकर्ता को साक्ष्य व सुनवाई के समुचित अवसर प्रदान करते हुये गुण दोष के आधार पर पुनः विधिसम्मत आदेश पारित करें। इस सम्बन्ध में विवेचक ने बताया कि उन्हें इस तरह का कोई आदेश निर्देश नही प्राप्त हुआ है।उन्होंने विधिसम्मत कार्रवाई की है।

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