मुख्यमंत्री का आदेश भी गुरु जी के लिए मायने नहीं रखता

नव निहालों के भविष्य के साथ बेखौफ खिलवाड़ कर रहे हैं गुरुजन

बलरामपुर।
पचपेड़वा आप को बताते चलें कि 1 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 154 वीं जयंती पर स्वच्छता ही सेवा अभियान के अन्तर्गत सभी विद्यालयों व संस्थान को खोलने के लिए मुख्यमंत्री का सख्त आदेश दिया गया था लेकिन बलरामपुर जनपद के शिक्षा क्षेत्र पचपेड़वा अन्तर्गत दर्जनों विद्यालय को मुख्यमंत्री के आदेशों को ताक पर रखते हुए गुरूजनो ने विद्यालय को नहीं खोला आपको बताते चलें कि 1 अक्टूबर को जब स्वतंत्र प्रभात मीडिया की टीम ने विद्यालय का निरीक्षण किया तो इमीलिया कड़र में प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय के मुख्य गेट पर ताला लगा हुआ था। 
 
तो वहीं पर कम्पोजिट विद्यालय मड़नी में सिर्फ प्रधानाचार्य विद्या सागर ही उपस्थित मिले तो वहीं पर 4 अन्य शिक्षक गायब थे तो वहीं पर दूसरी तरफ आर्दश प्राथमिक विद्यालय बड़का भुकुरूवा जो गोड़नी में चलता है बंद दिखा जब हमारी टीम और भी आगे बढ़ा तो प्राथमिक विद्यालय सड़नी भी पूर्ण रूप से बंद था जब हमारी टीम जंगलों के बीच भारत नेपाल की सीमा पर बसे थारु बाहुल्य गांव बड़का भुकुरूवा पहुंचा तो जो खुलासा हुआ उसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे वहां पर ग्रामीणों ने बताया कि कम्पोजिट विद्यालय बड़का भुकुरूवा में गुरुजनों को नव निहालों का कोई फ़िक्र नहीं है। 
 
ग्रामीणों ने बताया कि इस विद्यालय में तीन अध्यापक नियुक्त हैं लेकिन यह विद्यालय सप्ताह में एक आध बार ही खुलता है आप देख रहे हैं कि बेखौफ होकर गुरुजन किस तरह से नन्हे मुन्ने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जबकि देश व प्रदेश की सरकार प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चलाने की बात कर रही है लेकिन शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के मिली भगत से नव निहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। 
 
जब हमारे संवाददाता ने जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलरामपुर को फोन कर जानकारी लेना चाहा तो उनका फोन नहीं उठा तो वहीं पर खंड शिक्षा अधिकारी का फोन बंद था अब देखना यह है कि नव निहालों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे अध्यापको पर कार्यवाही भी करते हैं या ऐसे ही चलता रहेगा
 

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