रामास्वामी अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने पीएम मोदी की तारीफों के पूल बंधे , कहा- मैं उनसे बहुत प्रभावित

पूरी दुनिया  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और कार्यप्रणाली के कायल हो गए है। कई देशों के प्रमुख उनके साथ काम करने की इच्छा जता रहे हैं।

स्वतंत्र  प्रभात 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और कार्यप्रणाली के कायल हो गए है। कई देशों के प्रमुख उनके साथ काम करने की इच्छा जता रहे हैं।  इनमें एक और नाम जुड़ गया है अमेरिक में राष्ट्रपति पद के भारतवंशी उम्मीदवार विवेक रामास्वामी का जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है।एक पॉडकास्ट  बातचीत के दौरान   रामास्वामी ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन को रोकने में भारत की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि बेशक मैं  पीएम मोदी  भी तक नहीं जानता। वह यूएस कांग्रेस में अपने संयुक्त सत्र के लिए आए थे, तो मैं वहीं रुक गया। मैं वहां अतिथि के तौर पर था और उन्हें सुनने के लिए वहां रुक गया। एक नेता के तौर पर मैं उनसे काफी ज्यादा प्रभावित हुआ। 


चीन पर रामास्वामी ने कहा, 'भारत का अमेरिका के लिए एक विश्वसनीय साथी बनना चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए चिंताजनक है। उन्होंने चीन-ताइवान संघर्ष पर बात करते हुए कहा कि ताइवान के साथ संघर्ष के बीच लोग एक बात भूल गए हैं और वो है हिंद महासागर। यह वो जगह है जहां से चीन में तेल की आपूर्ति की जाती है। अगर भारत एक विश्वसनीय साथी है तो यह  जिनपिंग के लिए एक बाधा बन सकता है। मुझे ऐसा लगता है कि मेरे पास स्पष्ट दृष्टिकोण है कि चीन को ताइवान के पीछे जाने से कैसे रोका जा सकता है। 


उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि भारत को इसे थोड़ा आगे बढ़ाना होगा। भारत अभी तक सैन्य प्रतिबद्धताओं के स्तर तक नहीं पहुंच पाया है, जिसे मैं व्यापार के संबंध में थोड़ी निराशाजनक मानता हूं। आपको भी मालूम होगा कि अमेरिका भी आवश्यकता से थोड़ा कम ही विश्वसनीय रहा है। मैं इसे ठीक करना चाहता हूं।' उन्होंने कहा  एक राष्ट्रपति के तौर पर मेरा ध्यान अमेरिका के नागरिकों का ध्यान रखना है। उन्होंने कहा कि वह शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन जैसे नेताओं के साथ निपटने के लिए तैयार है। रूस-यूक्रेन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, इस संघर्ष में अमेरिका यूक्रेन के समर्थन में है। इस युद्ध को खत्म करने के लिए रूस को चीन के साथ अपने सैन्य गठबंधन से बाहर निकलना होगा। 

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