वायरल बुखार का उन्नाव में कहर, इमरजेंसी वार्ड से लेकर ओपीडी में दिखी भारी भीड़

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव/

उन्नाव शहर से लेकर गांव तक वायरल बुखार का कहर तेजी से फैल रहा है। हर घर में लोग बुखार की चपेट में हैं। सरकारी अस्पतालों के बेड बुखार के मरीजों से भरे पड़े हैं। मरीजों की संख्या अधिक होने से एक बेड पर दो दो मरीजों को भर्ती कर उपचा दिया जा रहा है।

जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बुखार से पीड़ित 32 मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या सबसे अधिक रही। उधर जिला अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों पंद्रह सौ से अधिक मरीजों ने पंजीकरण कराया।

सबसे अधिक भीड़ फिजीशियन ओपीडी में रही। फिजीशियन डा. कौशलेंद्र की ओपीडी में भी अधिक मरीज पहुंचे। सुबह नौ बजे से ही ओपीडी के बाहर मरीजों की लाइन लग गई थी। डा. कौशलेंद्र के अनुसार इन दिनों सबसे अधिक मरीज वायरल बुखार के आ रहे हैं।

मरीजों को सलाह दी जा रही है कि वह खुले में रखी चीजों का सेवन न करें। तरल पदार्थ का सेवन अधिक करें। सड़े गले फल न खाएं। ठंडा पानी व एसी से परहेज करें। उल्टी या पेट दर्द की शिकायत होने पर फौरन चिकित्सक से संपर्क करें। चिकित्सक की सलाह पर ही दवा का सेवन करें।

जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ने पर भर्ती मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है। ऐसे में अक्सर बेड कम पड़ जाते हैं और इमरजेंसी वार्ड में अतिरिक्त बेड लगाकर मरीजों को भर्ती कराया जाता है। संख्या बढ़ने से एक बेड पर दो दो मरीजों को लिटाया गया।

गैलरी में तीन एक्स्ट्रा बेड भी डलवाए गए थे। नए मरीजों को भर्ती करने के लिए इमरजेंसी वार्ड से कुछ मरीजों को जनरल वार्ड में भी शिफ्ट करना पड़ा। जिले में 38 प्राइवेट लैब स्वास्थ्य विभाग के यूडीएसपी पोर्टल से लिंक हैं। इन लैब को सभी मरीजों की जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को देनी होती है।

इन दिनों प्राइवेट लैब में डेंगू, मलेरिया की जांच बड़ी संख्या में की जा रही है। हालांकि लैब संचालक सभी मरीजों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को नहीं दे रहे हैं। वह कुल जांच में सिर्फ पांच से दस प्रतिशत मरीजों की रिपोर्ट व जांच के नमूने ही स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा रहे हैं।

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