आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर मेरी माटी मेरा देश की दिलाई गई शपथ - 

पुलिस से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने दिलाई शपथ

 
पलिया कलां खीरी।
 
पंद्रह अगस्त 2021 को गुजरात के साबरमती से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा शुरु किये गये आजादी का अमृत महोत्सव   का समापन धूमधाम के साथ पंद्रह अगस्त 2023 को होगा जिसका आगाज पूरे देश में देखने को मिल रहा है। सरकारी से लेकर गैर सरकारी  कार्यालयों में देशभक्ति की भावना को जाग्रत करने हेतु शपथ दिलाई जा रही है ।
 
जिसकी वानगी पलिया तहसील के भानपुरी खजुरिया के एक सरकारी कार्यालय में मनाये जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में एसडीएम कार्तिकेय सिंह एवं वीडीओ संगीता यादव के द्वारा अधीनस्थों के साथ स्थानीय नागरिकों को देशभक्ति की शपथ दिलाई गई ।
 
वही दूसरी ओर कोतवाली पलिया कलां में सीओ आदित्य गौतम एवं इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा ने समस्त पुलिस बल को देशभक्ति की शपथ दिलाई। 
 
देश भर में आयोजित प्रदर्शनियों में असहयोग आन्दोलन, सविनय अवज्ञा आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन, के साथ ही दांडी मार्च, महात्मा गाँधी, नेताजी शुभाष चन्द्र बोस और आन्दोलन के नेताओं सहित स्वतंत्रता से संबंधित मुख्य स्थलों को दिखाया जायेगा। महोत्सव के जरिये आजादी से जुड़े उन विस्मृत नायकों की भी तलाश होगी जिनका नाम अभी तक इतिहास के पन्ने में कहीं छुपा हुआ है।
 
इसके जरिये देश के लोग, देश के युवा और बच्चे उन महावीर योद्धा को जान सकेंगे जो इतिहास के पन्नों में कहीं दबे हुए हैं साथ ही यह महोत्सव नए दृष्टिकोणों, नए संकल्पों और आत्म-निर्भरता से प्रेरणा को प्रतिध्वनित करेगा।
 
'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत नियोजित गतिविधियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत महोत्सव के लिए एक वेबसाइट का उद्घाटन किया है। एक 'आत्मनिर्भर इनक्यूबेटर' शुरू किया गया था जो पारंपरिक कला में शामिल लगभग 40,000 परिवारों की मदद करेगा।
 
तमिलनाडु और कर्नाटक में, स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने के लिए प्रदर्शनियां, साइकिल जत्था, वृक्षारोपण और जुलूस निर्धारित किए गए।
 
क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो ने राजस्थान में पांच दिवसीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया है। आजादी के अमृत महोत्सव का महत्व प्रधानमंत्री मोदी ने 12 मार्च,2022 को अमृत महोत्सव की शुरुआत की थी क्योंकि, 12 मार्च, 1930 को ही दांडी मार्च की शुरुआत हुई थी जोकि नमक पर ब्रिटिश एकाधिकार के खिलाफ कर-प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्रवाई अभियान था जोकि 6 अप्रैल, 1930 तक चला था।
 
 
गांधीजी ने 12 मार्च को साबरमती से अरब सागर (दांडी के तटीय शहर तक) तक 78 अनुयायियों के साथ 241 मील की यात्रा की। इस यात्रा का उद्देश्य गांधी और उनके समर्थकों द्वारा समुद्र के जल से नमक बनाकर ब्रिटिश नीति की उल्लंघन करना था।
 

आजादी के अमृत महोत्सव के पांच विषय स्वतंत्रता संग्राम

 
यह विषय आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हमारे स्मरणोत्सव की पहल की शुरुआत करती है। यह विषय उन विस्मृत नायकों की कहानियों को जीवंत करने में मदद करता है जिनके बलिदान ने हमारे लिए स्वतंत्रता को एक वास्तविकता बना दिया है।
 
इस विषय के तहत कार्यक्रमों में बिरसा मुंडा जयंती (जनजातीय गौरव दिवस), नेताजी द्वारा स्वतंत्र भारत की अनंतिम सरकार की घोषणा, शहीद दिवस आदि शामिल हैं।
 

75 वर्ष पर विचार

 
जैसा कि हम जानते थे कि दुनिया बदल रही है और एक नई दुनिया सामने आ रही है। हमारे दृढ़ विश्वास की ताकत हमारे विचारों की लंबी आयु तय करेगी। इस विषय के तहत आयोजनों और कार्यक्रमों में लोकप्रिय, सहभागी पहलें शामिल हैं जो दुनिया में भारत के अद्वितीय योगदान को जीवंत करने में मदद करती हैं। इनमें काशी की भूमि के हिंदी साहित्यकारों को समर्पित काशी उत्सव, प्रधान मंत्री को पोस्ट कार्ड जैसे कार्यक्रम और पहल शामिल हैं।
 

75 वर्ष पर उप्लबधियाँ

 
इसका उद्देश्य 5000+ वर्षों के प्राचीन इतिहास की विरासत के साथ 75 साल पुराने स्वतंत्र देश के रूप में हमारी सामूहिक उपलब्धियों के सार्वजनिक खाते में विकसित होना है।
 
इस विषय के तहत कार्यक्रमों में 1971 की जीत के लिए समर्पित स्वर्णिम विजय वर्ष, महापरिनिर्वाण दिवस के दौरान श्रेष्ठ योजना का शुभारंभ आदि जैसी पहल शामिल हैं।
 

75 वर्ष पर कदम

 
यह विषय उन सभी प्रयासों पर केंद्रित है जो नीतियों को लागू करने और प्रतिबद्धताओं को साकार करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डालते हुए भारत को कोविड के बाद की दुनिया में उभरने वाली नई विश्व व्यवस्था में अपना सही स्थान दिलाने में मदद करने के लिए किए जा रहे हैं।
 
यह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के प्रधान मंत्री मोदी के स्पष्ट आह्वान से प्रेरित है। इसमें सरकारी नीतियों, योजनाओं, कार्य योजनाओं के साथ-साथ व्यवसायों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज की प्रतिबद्धताओं को शामिल किया गया है जो हमारे विचारों को साकार करने में मदद करते हैं और सामूहिक रूप से बेहतर कल बनाने में हमारी मदद करते हैं। इस विषय के तहत कार्यक्रमों में गति शक्ति - मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसी पहल शामिल हैं।
 

75 वर्ष पर संकल्प

 
यह विषय हमारी मातृभूमि की नियति को आकार देने के हमारे सामूहिक संकल्प और दृढ़ संकल्प पर केंद्रित है। 2047 की यात्रा के लिए हममें से प्रत्येक को व्यक्तियों, समूहों, नागरिक समाज, शासन की संस्थाओं आदि के रूप में उठकर अपनी भूमिका निभाने की आवश्यकता है।
 
हमारे सामूहिक संकल्प, सुनियोजित कार्य योजनाओं और दृढ़ प्रयासों से ही विचारों को कार्यों में परिणत किया जा सकता है। इस विषय के तहत कार्यक्रमों में संविधान दिवस, सुशासन सप्ताह आदि जैसी पहल शामिल हैं जो उद्देश्य की गहरी भावना से प्रेरित होने के साथ-साथ 'ग्रह और लोगों' के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को जीवंत करने में मदद करती हैं।
 
 

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