स्वतंत्र प्रभात
मिल्कीपुर, अयोध्या। अब आशा कार्यकर्ता नवजात शिशु ही नहीं बल्कि बड़े बच्चों की सेहत का भी हाल लेगी। लक्षण के आधार पर उन्हें डॉक्टर के पास ले जाएंगे और इलाज उपलब्ध कराने में मदद करेंगे। बच्चों की मृत्यु दर रोकने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की ओर से फॉर्म बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। बच्चे सबसे ज्यादा निमोनिया, डायरिया, कुपोषण समेत दूसरी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। शुरुआती लक्षणों को पहचान कर इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है। बच्चों की मृत्यु दर में भी कमी ला सकते हैं।
मिल्कीपुर तहसील अन्तर्गत सीएचसी खांडसा में 187,सीएचसी मिल्कीपुर में 212 व हैरिंग्टनगंज में 186 कुल 585 आशा बहू वर्क्स कार्य कर रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खांडसा डॉ अधीक्षक डॉ आनंद सिन्हा ने बताया कि एनएचएम की ओर से होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड कार्यक्रम (एचबईवआईसई) बच्चों के लिए संजीवनी बनेगी। इसके तहत आशा कार्यकर्ता बच्चों का वजन लंबाई आदि देगी। आसपास का प्रवेश देखेंगी। स्वास्थ्य एवं पोषण व्यवहारों को बढ़ावा देने के लिए घर जाकर बच्चों की सेहत का हाल लेगी। बच्चों को 3, 6, 8,12 व 15 माह होने तक देखेंगी। कार्यक्रम की समय-समय पर अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग भी की जा रही है।