श्रीदस ने पौधारोपण वा विभिन्न प्रतियोगताओं का आयोजन कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का तीसरा वर्षगाठ मनाया

श्रीदस ने पौधारोपण वा विभिन्न प्रतियोगताओं का आयोजन कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का तीसरा वर्षगाठ मनाया

बरही/ धनंजय कुमार 

श्रीदस ने पौधारोपण वा विभिन्न प्रतियोगताओं का आयोजन कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का तीसरा वर्षगाठ मनाया। इस असवर पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम ने आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता करवाई। इसके तहत पौधारोपण, लेखन प्रतियोगिता एवं क्वीज प्रतियोगिता शामिल है।
इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य रोहित सिंह ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षकों, बच्चों एवं अभिभावकों को अवगत कराते हुए कहा कि एनईपी 2020 के अनुसार, स्कूल शिक्षा का यह चरण महत्वपूर्ण सीखने के उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो वर्षों से हमारी शिक्षा प्रणाली में उपयोग किए जाने वाले रटना सीखने के तरीकों से एक बड़ा बदलाव है। यह चरण विज्ञान, गणित, कला, सामाजिक विज्ञान और मानविकी में अनुभवात्मक शिक्षा पर काम करेगा। पहली शिक्षा नीति 1968 फिर 1986 में दूसरी शिक्षा नीति और तीसरी बार 2020 शिक्षा नीति में बदलाव हुआ है।

नई शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य भारत के युवाओं को समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना है। यह भारत की तीसरी सदी की पहली शिक्षा नीति है जो कि योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू की जा रही है। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त करके अपना जीवन उज्जवल बना पाएंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि बच्चों तकनीकी तथा रचनात्मक के साथ-साथ शिक्षा का महत्व समझे तथा अपने आने वाले कल के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो सके। जिससे उनके अंदर सशक्तिकरण व मनोबल बना रहे। नई शिक्षा नीति नई का मुख्य सिद्धांत शिक्षा को लचीला बनाना, सभी बच्चों की क्षमता की पहचान एवं क्षमता का विकास करना, साक्षरता और संख्यात्मकता के ज्ञान को बच्चों के तहत विकसित करना, भारतीय संस्कृति से बच्चों को जोड़ना, शिक्षा नीतियों में पारदर्शिता लाना, बच्चों को सुशासन का ज्ञान प्रदान करना एवं उनका सशक्तिकरण करना ।तकनीकी यथासंभव उपयोग पर अधिक जोर देना और अनेक प्रकार की भाषाएं सीखना एवं बच्चों की सोच को रचनात्मक बनाना और तार्किक करना है। इस प्रतियोगिता में जिन बच्चों ने भाग लिया उसमें अवनी सिंह, शिवम, छवि, उपासना, सिमरन, तमन्ना, हिमांशु, ज्योति, प्रिंसी, के साथ साथ कई बच्चों और शिक्षकों ने भी अपनी भूमिका निभाई।

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