ब्यूरो/शत्रुघ्न मणि त्रिपाठी/रामअशीष त्रिपाठी
गोरखपुर खजनी तहसीलदार खजनी थाने के समाधान दिवस पर रुद्रपुर निवासी लाल तिवारी द्वारा एक आवेदन पत्र बैनामे की भूमि के निशान देही के बाबत दिया गया, पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत उक्त आवेदन पत्र को चर्चित लेखपाल राजीव रंजन शर्मा को निर्देशित किया गया।
हल्का लेखपाल आनन-फानन में खजनी थाने से पुलिस लेकर लाल तिवारी के आवेदन पत्र पर नियम विरुद्ध तरीके से बिना किसी पत्थर से मुताबिक मौका आवेदक को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से निशानदेही कर दिए, जबकि सहखातेदारी की भूमि के निशानदेही का क्षेत्राधिकार हल्का लेखपाल को नहीं है, हल्का लेखपाल नियम विरुद्ध तरीके से निशानदेही करके लाल तिवारी को कब्जा करवा दिए, जबकि सामान्य तौर पर नियमानुसार खातेदारी की भूमिका न तो निशान देही हो सकता है, और नहीं धारा 24 के कार्रवाई के बिना भूमिधरी भूमि का निशानदेही ही हो सकता है,
लेकिन हमेशा चर्चा में बने रहने वाले राजीव रंजन के लिए इस तरह की घटना सामान्य घटना है, बिना खातेदारों की उपस्थिति में बिना सहखातेदारों की सहमति के हल्का लेखपाल आनन-फानन में लाल तिवारी को जमीन का कब्जा करवा दिए ,जब दूसरे दिन अगल-बगल के काश्तकारों और सहखातेदारों को नियम विरुद्ध निशानदेही की जानकारी हुई तो आक्रोश व्यक्त करते हुए उच्चाधिकारियों से मिलने का प्रयास किए
लेकिन हल्का लेखपाल उच्चाधिकारियों को भी गुमराह करने में कहीं से परहेज नहीं कर रहा है, सभी सह काश्तकारोंकारो ने एक स्वर से कहा जब ना तो बंटवारे का आदेश है ना ही पत्थर नसब का आदेश है, तो तहसीलदार किस नियम से भूमिधरी जमीन का निशानदेही का आदेश किए और हल्का लेखपाल किस नियम के तहत जाकर बिना बंटवारे के निशानदेही कर दिए ।
यदि मामले में तत्काल हल्का लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई तो पूरे गांव के लोग माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलकर नियम विरुद्ध कार्यवाही के विरुद्ध उच्चाधिकारी से जांच कार्रवाई हेतु अनुरोध करेंगे
इस संबंध में तहसीलदार खजनी के सरकारी फोन पर बार-बार बात करके पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन तहसीलदार खजनी का सरकारी मोबाइल नंबर न उठने के कारण उनका पक्ष नहीं जाना जा सका।