स्वतंत्र प्रभात-
एक इंटरव्यू में शाहरुख खान कहते हुए पाए गए कि उन्होंने अपनी ही तमाम फिल्में कभी नही देखी। जिसमें उन्होंने स्वदेश का नाम भी लिया।
कितना झूठा आदमी है, और झूठ बोलते इसे शर्म भी नही आती।
जो फ़िल्म उनको मिल नही रही थी, संयोग से मिली.. जो शायद उनके करियर की टॉप थ्री फिल्मों में से एक है. बड़े बड़े फ़िल्म विशेषज्ञ स्वदेश को टॉप 10 में भी मानते हैं।निःसन्देह फ़िल्म अच्छी है।
अब आते हैं स्वदेश पर
स्वदेश में हीरो का रोल पहले तो आमिर खान को आफर हुआ, लेकिन उन्होंने हल्की स्क्रिप्ट कहकर मना कर दिया। फिर आफर गया रितिक रोशन के पास, उन्होंने भी मना कर दिया।फिर ये शाहरुख को मिली।
हालांकि हुआ वही जो आमिर ने कहा था फ़िल्म पिट गयी। फ़िल्म भी समय के हिसाब से थोड़ा आगे की फ़िल्म थी... इसने सफलता के कोई झंडे नही गाड़े.. लेकिन फ़िल्म को सराहना बहुत मिली , अभिनय सराहा गया, कावेरी अम्मा का रोल याद किया जाएगा।
सराहना मिलने का एक कारण ये भी था कि ये फ़िल्म एक सच्ची बायोग्राफी थी। इसपर साउथ में भी फिल्म बनी थी और कुछ धारावाहिक भी आये थे।शाहरुख ने अवार्ड भी जीते और उनका अभिनय भी काबिले तारीफ रहा। यह पहली बॉलीवुड फ़िल्म थी जिसका कुछ हिस्सा नासा में शूट हुआ।
फ़िल्म में उनका नाम भी गाँधी जी के नाम से प्रेरित था और उनका किरदार में गांधीवाद की झलक थी, हीरो का विदेश में रहना फिर अपने देश में आकर बस जाना। इसलिये उनका नाम 'मोहन' था. अब ये झूठ किस तरह बोलते हैं समझ नही आता।